शिवसेना में बगावत के बाद आदित्य ठाकरे ने शिवसेना पार्टी संगठन पर ध्यान देना शुरू कर दिया है|आदित्य ठाकरे शिवसंवाद यात्रा से बगावत करने वाले और बैठकें करने वाले विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में जाते रहे हैं।आदित्य ठाकरे हर बैठक और बैठक में बागी विधायकों को देशद्रोही बताकर उनकी आलोचना कर रहे हैं|
वास्तव में शिवसेना कौन है? इस वजह से चुनाव आयोग में शिंदे और ठाकरे के बीच लड़ाई है, ऐसे में पार्टी को बचाने की चुनौती उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के पास है, दूसरी ओर राज निकाय चुनाव भी सिर पर हैं, इसलिए ऐसा लगता है कि आदित्य ठाकरे विधायी कार्यों से ज्यादा पार्टी निर्माण पर ध्यान दे रहे हैं।