हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति को राज्य में बड़ी सफलता मिली है|इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी के कई लोगों को महायुति के नये उम्मीदवारों ने करारी शिकस्त दी है|इसमें संगमनेर से शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के अमोल खटाल ने 8 बार के कांग्रेस विधायक बालासाहेब थोराट को हरा दिया है|अब आज विधानमंडलों के विशेष सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा|
इस मौके पर संगमनेर विधायक अमोल खटाल एक खास टोपी पहनकर विधानमंडल क्षेत्र में आये हैं| इस बार उन्होंने इस टोपी को पहनने के पीछे की वजह भी बताई|
विधायक अमोल खटाल ने क्या कहा?: नवनिर्वाचित संगमनेर विधायक अमोल खटाल ने विधानमंडल के विशेष सत्र के लिए विधानमंडल क्षेत्र में मीडिया से बातचीत की| इस मौके पर उन्होंने बताया कि अगले पांच साल में वे अपने क्षेत्र के लिए क्या करेंगे| इस बार देखा गया कि उनके सिर पर खास भगवा टोपी थी|
इस मौके पर भगवा टोपी पहनने के पीछे का कारण पूछे जाने पर विधायक खटाल ने कहा, ‘इस टोपी को पहनने के पीछे कोई और मकसद नहीं है| लेकिन, जब मैं विधानसभा चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल करने जा रहा था, तो निर्वाचन क्षेत्र के युवाओं ने मुझे यह टोपी दी। तब से, यह टोपी मेरे लिए एक अच्छा शगुन रही है।
कौन हैं अमोल खटाल?: अमोल खटाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी| बाद में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। अमोल खटाल 2024 के विधानसभा चुनाव में संगमनेर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। हालांकि, महायुति के सीट आवंटन में यह सीट शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के पास चली गई।
इसके बाद महायुति के नेताओं ने इसका हल निकाला और खटाल को शिवसेना (एकनाथ शिंदे) से उम्मीदवार बनाया| इस बार खटाल को आठ बार के कांग्रेस विधायक बालासाहेब थोराट ने चुनौती दी। इस चुनाव में खटाल ने 10 हजार 560 वोटों से जीत हासिल की, जो शुरुआत में थोराट के पक्ष में एकतरफा लग रहा था। खटाल की इस जीत के बाद पूरे राज्य में उनकी चर्चा होने लगी|
बालासाहेब थोराट आठ चुनावों के बाद हारे: अनुभवी कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट इससे पहले संगमनेर विधानसभा क्षेत्र से आठ बार जीत चुके थे। इसलिए इलाके पर उनकी पकड़ मजबूत थी| थोराट ने पहली बार 1985 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गये| 1985 से 2019 तक आठ बार जीत हासिल करने वाले थोराट इस दौरान कई अहम मंत्री पद संभाल चुके हैं|
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