लोकसभा चुनाव से पहले मनसे नेता वसंत मोरे ने पार्टी को जय महाराष्ट्र कहकर सराहना की। वसंत मोरे ने अपने इस्तीफे में पार्टी के भीतर गुटबाजी पर नाराजगी जताई और कहा कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं| एमएनएस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद वसंत मोरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की| इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह भावुक हो गये| वसंत मोरे ने यह भी कहा है कि उन्होंने राज ठाकरे से समय मांगा था, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा|
वसंत मोरे ने कहा कि शुरुआती दिनों में मैंने शिवसेना में राज ठाकरे के साथ काम किया| राज ठाकरे ने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया| मैंने भी उस वक्त इस्तीफा दे दिया था|’ मेरा जो भी करियर है, वह राज ठाकरे की वजह से है।’ मैंने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है| क्योंकि पिछले डेढ़ साल से वह पुणे में लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं|
हमने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से समय मांगा था, लेकिन सर ने मुझसे कुछ नहीं कहा|अगर पार्टी में इस तरह की राजनीति चल रही है तो वहां रहने से कोई फायदा नहीं है| मेरा राज साहब से कोई विवाद नहीं था, न ही पार्टी से कोई विवाद था, बल्कि कुछ पदाधिकारियों की वजह से विवाद हुआ था|मोरे के इस्तीफे से पार्टी में भूचाल सा ला दिया है|
पिछले महीने राज ठाकरे ने एक लिस्ट मांगी थी, जिसमें राज ठाकरे को जानकारी दी गई थी कि पुणे में हालात नाजुक हैं| इन लोगों ने राज ठाकरे को बताया था कि पार्टी के लिए हालात नकारात्मक हैं| राज ठाकरे को बताया गया कि वसंत मोरे को टिकट नहीं मिलना चाहिए और उन्हें जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए| इसलिए मैंने आज इस्तीफा दे दिया है| वसंत मोरे ने ये भी कहा कि मैंने अपनी वापसी की डोर अपने हाथों से काटी है|
मेरे पास कई लोगों के फोन आए, मैंने सभी सामान्य कार्यकर्ताओं के फोन उठाए, लेकिन मैंने नेताओं के फोन नहीं उठाए। वसंत मोरे ने कभी अपने लिए नहीं लड़ा। जो अधिकारी मेरे साथ हैं, जो मेरे लिए कार्यक्रम लेकर गए, वे गलत कार्य कर रहे होंगे। उनके पद हटाए जा रहे हैं तो ऐसी पार्टी में रहकर क्या करें? वसंत मोरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये सवाल पूछा|
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