महाराष्ट्र से उठकर वेदांता कंपनी परियोजना अब गुजरात में चली गई है। इसके बाद से राज्य में सियासी माहौल गरमा गया है| विपक्ष ने शिंदे-फडणवीस सरकार की आलोचना शुरू कर दी है। ऐसे में विपक्ष की तीखी आलोचना का सत्ता पक्ष की ओर से जवाब दिया जा रहा है| वेदांता फॉक्सकॉन को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी मीडिया से बातचीत करते हुए मविआ सरकार के खिलाफ अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है|
रामदास अठावले ने महाविकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वेदांत-फॉक्सकॉन एक निजी परियोजना है| महाविकास अघाड़ी सरकार को उस कंपनी के मालिक से बात करनी चाहिए थी। उन्हें आश्वस्त करना जरूरी था कि वे जो सुविधाएं चाहते हैं, उन्हें प्रदान किया जाएगा, लेकिन मविआ सरकार ने नहीं दिया, यह परियोजना गुजरात में चली गई।
भले ही यह परियोजना गुजरात को जाती है, महाराष्ट्र उद्योग के मामले में देश का नंबर एक राज्य है और रहेगा। हम राज्य में और बड़े उद्योग लाने जा रहे हैं। गुजरात जाने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए महा विकास अघाड़ी सरकार जिम्मेदार है। हमारी शिंदे-फडणवीस सरकार अब आ गई है। इसलिए मुझे लगता है कि महाविकास अघाड़ी सरकार अकेले इन परियोजनाओं को राज्य में नहीं रख सकती थी| उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह समय याद आ गया।
क्या राज्य मंत्रिमंडल विस्तार में आरपीआई को मिलेगा मंत्री पद? इस सवाल का जवाब देते हुए अठावले ने कहा कि आगामी राज्य मंत्रिमंडल विस्तार में आरपीआई को जगह मिलना जरूरी है| क्योंकि स्थानीय निकायों के चुनाव हैं। मुंबई म्युनिसिपल इलेक्शन चल रहा है| मुंबई शहर में हमारे पास बहुत ताकत है। इसलिए मैंने देवेंद्र फडणवीस से बात की है और आरपीआई को मंत्री पद देने के लिए तैयार हैं|
विस्तार होने पर इसमें निश्चित रूप से आरपीआई का मंत्री पद होगा। इसके साथ ही हम मांग कर रहे हैं कि आरपीआई को विधान परिषद के 12 विधायकों में से एक विधान परिषद की सीट मिलनी चाहिए। हमारा सुझाव और मांग है कि हमें पूरे महाराष्ट्र की सत्ता में भागीदारी मिलनी चाहिए।
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