तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। भाजपा ने उन पर हिंदू समुदाय और विशेषकर अनुसूचित जाति (SC) समाज के खिलाफ आपत्तिजनक और जातिवादी बयान देने का आरोप लगाया है। पार्टी ने मोइत्रा से तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने रविवार (31 अगस्त)को सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर महुआ मोइत्रा पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “28 अगस्त को करीमपुर ब्लॉक-2 में तृणमूल कार्यकर्ताओं की बैठक में महुआ मोइत्रा ने सनातनियों और खासतौर पर नामसूद्र समुदाय को लेकर चौंकाने वाले और शर्मनाक बयान दिए। उन्होंने हिंदुओं का मजाक उड़ाते हुए कहा कि साल भर आप तृणमूली रहते हैं और चुनाव आते ही सनातनी बन जाते हैं।” मालवीय ने इसे “खुली घोषणा” बताया कि महुआ के अनुसार कोई व्यक्ति एक साथ हिंदू और तृणमूल समर्थक नहीं हो सकता।
वीडियो में महुआ मोइत्रा यह कहते हुए सुनी जा सकती हैं कि अनुसूचित जाति, नामसूद्र और मतुआ समुदाय के लोग ममता बनर्जी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ तो उठाते हैं, लेकिन चुनाव में वोट बीजेपी को देते हैं। उनका दावा था कि एससी बहुल क्षेत्रों में हर 100 मतदाताओं में से 85 वोट बीजेपी को मिलते हैं।
मालवीय ने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने आगे जाकर वैष्णव समुदाय की आस्था पर भी चोट की। उन्होंने कहा, “महुआ ने कंठी माला पहनने वालों का मजाक उड़ाया और कहा कि ‘लकड़ी की माला पहनकर लोग राशन लेने आते हैं’। यह खुला हिंदू विरोधी और जातिवादी जहर है, जिसकी कोई माफी नहीं हो सकती।”
भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी हमेशा से नामसूद्र, अनुसूचित जाति और मतुआ समाज के साथ खड़ी रही है। मालवीय ने मांग की कि इन समुदायों को महुआ मोइत्रा का इस्तीफा मांगना चाहिए और इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करना चाहिए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भी महुआ मोइत्रा के खिलाफ नदिया ज़िले के कोतवाली थाने में एक भाजपा कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया था।
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