मणिपुर में माहभर से जारी हिंसा के बीच गृहमंत्री अमित शाह की अपील का बड़ा असर देखा जा रहा है। अमित शाह मणिपुर में कई दिन से डेरा डाले हुए थे। इस दौरान सामाजिक संगठन, सहित नेताओं और सेना के अधिकारियों आदि से मुलाकात कर रहे थे और मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, इस बीच कई लोग अपनी जान भी गंवाए।
एक दिन पहले ही अमित शाह ने मणिपुर में लोगों से आपसी भाईचारे के साथ रहने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि जो लोग में हथियार लूट कर ले गए हैं उसे वे लौटा दें नहीं तो सर्चिंग के दौरान जिस भी व्यक्ति पास से हथियार बरामद होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। जिसका व्यापक असर देखा जा रहा अमित शाह की अपील पर 140 हथियारों को सरेंडर किया गया है। माना जा रहा है कि मणिपुर में जारी हिंसा थमती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि पिछले 20 घंटे से मणिपुर में कोई हिंसा की घटना नहीं हुई है। शुक्रवार को इंफाल ईस्ट, विष्णुपुर सहित कई हिंसाग्रस्त जिलों में लागू कर्फ्यू में आठ से 12 घंटे की ढील दी गई है। चूराचंदपुर में दस कर्फ्यू में दस घंटे की ढील दी गई। कई इलाकों से कर्फ्यू को हटा लिया गया है।
गौरतलब है कि अमित शाह ने 29 मई को मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होंने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और उसके जांच के आदेश दिए। इस घटना की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ट जजों द्वारा की जाएगी। इस दौरान उन्होंने कुकी और मैतई के हिंसा से लोगों से मुलाक़ात की। साथ ही उन्होंने राहत शिविर में रह रहे लोगों से भी मुलाक़ात की। अमित शाह ने इस दौरान इंफाल के टॉप अधिकारियों से सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने हथियारबंद उपद्रवियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया था।
इस मौके पर उन्होंने लोगों से अपील की थी जो लोग हथियार लूटकर ले गए उसे वापस कर दें ताकि राज्य में शांति कायम करने में सहूलियत हो। शाह की इस अपील का असर भी देखने को मिला है।140 हथियार लोगों सौंप दिए। जिसमें एसएलआर 29 कार्बाइन, एके इनसास रायफल ,इनसास एलएमजी, 303 राइफल ,आंसू गैस के गोले ,स्टेन गन आदि शामिल हैं। वर्तमान राज्य में शांति कायम करने के लिए सेना और असम राइफल्स के दस हजार जवानों को तैनात किया गया है। दरअसल मणिपुर की मैतई समुदाय की एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में 3 मई को मार्च निकाला गया था। इस मार्च के बाद राज्य में हिंसा की शुरुआत हुई थी।
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