राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण का मुद्दा सुलझाने के लिए मनोज जरांगे पाटिल से एक महीने का समय मांगा था| हालाँकि, राज्य सरकार ने तय समय सीमा के भीतर उचित कार्रवाई नहीं की। बीड में तो आंदोलन ने और भी हिंसक रूप ले लिया| मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान बीड में पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई| बीड शहर में उनके घर पर पत्थर भी फेंके गए| इसके बाद विधायक संदीप क्षीरसागर के घर पर भी पथराव किया गया और घर के बाहर आगजनी की गयी| क्षीरसागर के घर और कार्यालय पर हमले के लिए कुछ लोगों ने मराठा आंदोलनकारियों को जिम्मेदार ठहराया था।
संदीप क्षीरसागर ने साफ किया है कि उनके घर पर हमला मराठा प्रदर्शनकारियों ने नहीं किया था| दूसरी ओर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल दावा कर रहे हैं कि आगजनी के पीछे मराठा प्रदर्शनकारियों और मनोज जरांगे पाटिल का हाथ है| भुजबल ने हिंगोली में आयोजित ओबीसी एल्गर बैठक में भी यह दावा दोहराया| छगन भुजबल ने बिना नाम लिए मनोज जरांगे पाटिल पर कई आरोप लगाए हैं|
छगन भुजबल ने कहा, बीड में आगजनी की घटना के बाद मुझे संदीप क्षीरसागर का फोन आया| उन्होंने मुझसे कहा, भुजबल जी आप मेरे घर आए हैं, लेकिन मैं रोहित पवार के साथ संभाजीनगर में हूं। मैंने उनसे कहा कि जो चाहो करो| फिर शाम को मैंने टीवी पर देखा कि रोहित पवार और संदीप क्षीरसागर दोनों नए नेता से मिलने अस्पताल गए थे| नये नेता वहीं सो रहे हैं| वो लोग कह रहे हैं सर, अरे संदीप क्षीरसागर आये हैं, उन्होंने कहा सर वो अभी सो रहे हैं|
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा, मैंने मन में सोचा कि संदीप क्षीरसागर और सभी लोगों ने वहां क्या कहा होगा| मैंने तो बस कल्पना की, शायद इन लोगों ने कहा, आपने जो बम फेंका, उससे मेरा आधा बंगला जल गया।कोई नहीं मरा|क्षमा करें श्रीमान मेरा मतलब है कि आपका वास्तव में क्या मतलब है?
क्या पूरा बंगला जला देना चाहिए था? क्या इसमें किसी की मौत होनी चाहिए थी? आप वहां क्यों गए थे? क्या आप उससे माफ़ी मांगने गए थे? उसने आपका घर जला दिया, आपकी पत्नी और बच्चों को खतरे में डाल दिया और आप उससे मिलने गए। रोहित पवार आपको वहां ले गए. मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है|
हमले पर क्या बोले संदीप क्षीरसागर?: विधायक संदीप क्षीरसागर ने मीडिया से बात की|विधायक क्षीरसागर ने कहा था कि हमला कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया है|इस हमले से मराठा समुदाय का कोई लेना-देना नहीं है|यह प्रकार ग़लत है|मेरा घर बीड शहर में है| शहर में अन्य नेताओं के भी घर हैं।बीड में कई व्यापारियों की दुकानों में तोड़फोड़ की गई|उन व्यापारियों और सभी नेताओं ने कहा कि मराठा प्रदर्शनकारियों का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है|मैं भी ईमानदारी से कहूंगा कि मराठा प्रदर्शनकारियों का उस हमले से कोई लेना-देना नहीं है|
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