वक्फ बिल पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का रुख साफ, कहा – सड़क पर न उतरें मुसलमान

सरकार द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक पारित किए जाने पर आभार जताते हुए कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है जो गरीब और पिछड़े मुसलमानों के आर्थिक-सामाजिक कल्याण की दिशा में नई शुरुआत करेगा

वक्फ बिल पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का रुख साफ, कहा – सड़क पर न उतरें मुसलमान

Maulana Shahabuddin Razvi Barelvi's stand on Waqf Bill is clear, said - Muslims should not come out on the streets

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बड़ा बयान देते हुए मुस्लिम समुदाय से सड़क पर विरोध में न उतरने की अपील की है। उन्होंने वक्फ बिल को मुसलमानों के हित में बताया और कहा कि इस कानून से किसी भी धार्मिक स्थल — मस्जिद, मदरसा, ईदगाह, कब्रिस्तान या दरगाह — को कोई खतरा नहीं है।

रजवी ने शुक्रवार को जारी अपने बयान में कहा कि यह विधेयक भूमाफियाओं और वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाने वालों के खिलाफ है, न कि आम मुसलमानों के। उन्होंने कहा, “जो लोग वक्फ की करोड़ों की संपत्ति दबाकर उसकी आमदनी का दुरुपयोग कर रहे थे, उनका समय अब खत्म हो गया है। इस कानून से पारदर्शिता आएगी और गरीब मुस्लिमों के लिए वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग होगा।”

उन्होंने सरकार द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक पारित किए जाने पर आभार जताते हुए कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है जो गरीब और पिछड़े मुसलमानों के आर्थिक-सामाजिक कल्याण की दिशा में नई शुरुआत करेगा।

मौलाना ने साथ ही राजनीतिक दलों पर भी निशाना साधा जो इस विधेयक को लेकर मुसलमानों को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जैसे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के वक्त मुसलमानों को गुमराह किया गया, वैसे ही अब वक्फ विधेयक को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। जबकि सच यह है कि यह कानून आम मुसलमानों के लिए कोई खतरा नहीं है।”

उन्होंने दोहराया कि जब वक्फ बोर्ड में संपत्तियों की स्थिति स्पष्ट होगी और प्रबंधन पारदर्शी बनेगा, तो पूरे समाज को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, “मुसलमानों को सड़कों पर उतरने की जरूरत नहीं है, यह बिल उनके कल्याण के लिए है।”

मौलाना रजवी का यह रुख उन कट्टरपंथी और राजनीतिक आवाजों के विपरीत है जो इस विधेयक को लेकर विरोध प्रदर्शन की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम समाज को अब झूठे नैरेटिव से बचकर ठोस हकीकत पर भरोसा करना चाहिए।

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