यूपी बिहार में चल रहे रामचरित मानस संग्राम पर अब मायावती ने भी अखिलेश यादव को घेरा है। उन्होंने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए एक के बाद एक तीन ट्वीट कर अखिलेश यादव के शूद्र वाले बयान पर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों को शूद्र कहकर उनका अखिलेश यादव अपमान न करें। उन्होंने कहा कि दलितों और कमजोर वर्ग का रामचरित मानस और मनुस्मृति ग्रंथ नहीं है। बल्कि बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा बनाये गए संविधान में इनको शूद्र नहीं बल्कि ओबीसी, एसटी एससी की संज्ञा दी गई है। इसलिए अखिलेश यादव इन कमजोर तबकों को शूद्र कहकर उनका और संविधान की अवहेलना ना करें।
मायावती ने अपने ट्वीट में बीजेपी और कांग्रेस का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी ओबीसी दलितों,और अन्य कमजोर वर्ग का शोषण के साथ अन्याय किया गया। साथ इस वर्ग में जन्में संतों और महापुरुषों की केवल उपेक्षा की गई है। इस मामले में बीजेपी कांग्रेस या सपा कोई किसी से कम नहीं है। मायावती ने अखिलेश यादव को घेरते हुए उन्हें लखनऊ गेस्ट हाउस की घटना को याद दिलाया है। उन्होंने कहा कि सपा मुखिया को इनकी वकालत करने से पहले लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस में 2 जून 1995 को हुई घटना को याद कर अपने गिरेबान में झांके। जब एक दलित की बेटी सीएम बनने जा रही थी तो सपा सरकार में उसके ऊपर जानलेवा हमला किया गया।
उन्होंने कहा कि ओबीसी,एससी एसटी और मुस्लिमों का मान सम्मान बीएसपी में ही निहित है। इतना ही नहीं यी समाज इसी पार्टी में सुरक्षित भी है। जबकि अन्य पार्टी केवल उनके वोटों के लिए तमाम तरह की नाटक बाजी करती रहती हैं। ज्ञात हो कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस की चौपाई पर सवाल उठाया था। जिसके बाद इस पर हंगामा मचा हुआ है। अखिलेश यादव ने एक तरह से टिप्पणी का समर्थन करते हुए मौर्य का पार्टी में कद बढ़ाया है।
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