मणिपुर की घटना पर संसद में क्यों नहीं हो पा रही चर्चा, जाने कहां फंसा पेंच 

विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा करना चाहता है। जबकि सत्ता पक्ष नियम 176 के तहत चर्चा करना चाहती है।

मणिपुर की घटना पर संसद में क्यों नहीं हो पा रही चर्चा, जाने कहां फंसा पेंच 
मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्ष मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र का घुमाये जाने को मुद्दा बना कर इस पर संसद में चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार का कहना है कि मणिपुर के साथ साथ बंगाल, राजस्थान और छतीसगढ़ में महिलों के साथ हुई बर्बरता पर भी चर्चा होनी चाहिए। इसके अलावा विपक्ष पीएम मोदी द्वारा भी इस मुद्दे पर बोलने की मांग कर रहा है। लेकिन सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह बयान देंगे।
आज सुबह यानी की मंगलवार को जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू तो  विपक्ष ने एक बार फिर हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद  कार्यवाही को 12 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया। जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो मल्लिकार्जुन खड़गेने कहा कि नियम 267 के तहत मणिपुर की घटना पर चर्चा होनी चाहिए। हम मणिपुर की बात कर रहे हैं और वे ईस्ट इंडिया की बात  कर रहे हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मणिपुर की घटना पर चर्चा करने को तैयार है। लेकिन इसके साथ सत्ता पक्ष  बंगाल, बिहार, राजस्थान की भी घटनाओं  चर्चा करने की बात कर रहा है।  विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा करना चाहता है। जिसके तहत  बहस के लिए कोई तय समय  नहीं होता है। यह घंटों खींचा जा सकता है। इसके अलावा चर्चा के बाद मतदान का भी प्रावधान है। लेकिन सरकार  नियम 176 के तहत चर्चा करना चाहती है। जिसके तहत एक निश्चित समय तय होता है और मतदान का भी  विकल्प नहीं है।
 ये भी पढ़ें                 

PM मोदी का विपक्ष के “इंडिया” पर वार, ईस्ट इंडिया और इंडियन मुजाहिद्दीन में भी इंडिया  

तबीयत में सुधार, फिर सीमा और सचिन को पूछताछ के लिए ले गई गई ATS

गीतिका शर्मा आत्महत्या कांड: हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और अरुणा चड्डा बरी

Exit mobile version