देश का बजट वर्ष 2024 और मानसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दल और सदन को लेकर महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है| उन्होंने कहा कि सदन दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश हित में सोचने का पवित्र स्थान है| उन्होंने कहा कि ये सदन दल के लिए नहीं, देश के लिए है। मुझे विश्वास है कि हमारे सभी सांसद पूरी तैयारी के साथ चर्चा को समृद्ध करें, कितने ही विरुद्ध विचार होंगे। देश को नकारात्मकता की जरूरत नहीं है बल्कि देश को प्रगति की विचारधारा से आगे बढ़ाना है। हम लोकतंत्र के इस मंदिर से भारत की सामान्य मानवी की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं भेजा है। ये सदन दल के लिए नहीं, देश के लिए है। मुझे विश्वास है कि हमारे सभी सांसद पूरी तैयारी के साथ चर्चा को मजबूत इरादों के साथ करें। देश को नकारात्मकता की जरूरत नहीं है, बल्कि देश को प्रगति की विचारधारा से आगे बढ़ाना है।
बता दें कि पीएम मोदी संसद के मानसून सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज सावन का पहला सोमवार है। इस पावन दिन पर एक महत्वपूर्ण सत्र शुरू हो रहा है। मैं सावन के पहले सोमवार पर देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। आज पूरे देश की नजर इस पर है। देश बहुत बारीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को साकार व मजबूत करने के लिए एक सशक्त नींव रखने वाला हो।
व्यक्तिगत रूप से मुझे और हमारे सभी साथियों के लिए भी ये अत्यंत गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आए और तीसरी पारी का पहला बजट रखें। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की जो गौरव यात्रा है, उसमें ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में मैं देख रहा हूं। हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृत काल का महत्वपूर्ण बजट है।
हर देशवासी के लिए बड़े गर्व की बात है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश है। गत 3 वर्षों में लगातार 8 प्रतिशत ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत को लेकर सकारात्मकता बढ़ रही है, निवेश चरम पर है, ये अपने आप में भारत की विकास यात्रा का अहम पड़ाव है।
मैं सभी दलों से कहना चाहता हूं कि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश के लिए खुद को समर्पित करें और संसद के इस गरिमामय मंच का अगले 4.5 साल तक उपयोग करें। जनवरी 2029 के चुनावी साल में आप कोई भी खेल खेल लें, लेकिन तब तक हमें किसानों, युवाओं और देश के सशक्तिकरण के लिए अपनी भागीदारी निभानी चाहिए।
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