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Sunday, December 7, 2025
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सांसद चंद्रशेखर ने गयासुद्दीन हैदर कैनाल पर बस्ती उजाड़ने का लगाया आरोप!

पांच पीढ़ियों से यहां रह रहे लगभग 7 लाख मेहनतकश, वंचित और गरीब परिवारों को बेघर करने का खतरा है। 

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आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया और नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने लखनऊ के गयासुद्दीन हैदर कैनाल पर बसी सौ साल पुरानी दलित-बहुजन बस्तियों को उजाड़ने की साजिश का आरोप लगाया है।

उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार इस जनविरोधी फैसले को तत्काल वापस ले, अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा।

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ”लखनऊ के गयासुद्दीन हैदर कैनाल पर बसी 100 साल पुरानी दलित-बहुजन बस्तियों को उजाड़ने की साजिश, सरकार के 2,270 करोड़ रुपए के तथाकथित ‘विकास’ प्रोजेक्ट के नाम पर रची जा रही है, जिसमें पांच पीढ़ियों से यहां रह रहे लगभग 7 लाख मेहनतकश, वंचित और गरीब परिवारों को बेघर करने का खतरा है।

भीम आर्मी-आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) इस अन्याय के विरोध में शुरुआत से ही आंदोलनरत है। कल चारबाग स्थित पीसीएफ बिल्डिंग के पास हजारों लोग सड़कों पर उतरे और उनके द्वारा विधानसभा की ओर किए गए पैदल मार्च को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।”

सांसद ने कहा, ”पिछले साल 19 जुलाई 2024 को मैं खुद वहां पहुंचा था और हमने सरकार से साफ शब्दों में कहा था कि गरीब की झोपड़ी तोड़कर किया गया विकास, असल में विनाश है।

भारत के प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि उसे रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाएं सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएं। यह कांशीराम स्लम एरिया मालिकाना हक योजना का उल्लंघन है। वर्ष 2007 से 2012 के बीच उत्तर प्रदेश सरकार में कांशीराम स्लम एरिया मालिकाना हक योजना लागू हुई थी।”

उन्होंने लिखा कि यह योजना लाखों गरीब परिवारों को बेघर होने से बचाने के लिए बनाई गई थी। इसके तहत, उत्तर प्रदेश की किसी भी भूमि पर 10 वर्ष या उससे अधिक समय से आवास बनाकर कोई भी भारत का नागरिक रह रहा है, तो उसे विस्थापित न करते हुए, उसी स्थल पर 30-30 मीटर का पट्टा रजिस्ट्री करके देना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन, वर्तमान सरकार गरीबों के अधिकारों पर हमला करते हुए इस कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रही है।”

उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ हैदर कैनाल की नहीं, बल्कि देश के हर उस गरीब, दलित, बहुजन और मेहनतकश की है, जिसके घर को विकास के नाम पर तोड़ा जा रहा है।

भीम आर्मी- आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) की मांग है कि सरकार इस जनविरोधी फैसले को तत्काल वापस ले, अन्यथा आंदोलन और तेज किया जाएगा। बहुत जल्द मैं स्वयं हैदर कैनाल पहुंचकर इस आंदोलन में शामिल होऊंगा।
 
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