मुंबई में छठ पूजा पर विवाद बढ़ा, राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने; वास्तव में क्या हुआ?

नगर निगम प्रशासन द्वारा कांदिवली में छठ पूजा की इजाजत देने से इनकार करने के बाद मुंबई कांग्रेस इस मामले में आक्रामक हो गई है|कांग्रेस इस बात पर अड़ी है कि हम हर साल की तरह इसी जगह पर छठ पूजा का आयोजन करेंगे| इससे छठ पूजा विवाद गरमाने की आशंका है|

मुंबई में छठ पूजा पर विवाद बढ़ा, राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने; वास्तव में क्या हुआ?

Controversy over Chhath Puja increases in Mumbai, political parties face to face; What actually happened?

छठ पूजा का पावन पर्व कल से शुरू हो रहा है|मुंबई में भी कई जगहों पर छठ पूजा का आयोजन किया जाता है|छठ पूजा के दिन जुहू चौपाटी के साथ-साथ शहर की अन्य चौपाटी पर भी भीड़ रहती है। हालांकि, इसी छठ पूजा को लेकर मुंबई में विवाद खड़ा हो गया है|छठ पूजा की योजना को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हो गई हैं|नगर निगम प्रशासन द्वारा कांदिवली में छठ पूजा की इजाजत देने से इनकार करने के बाद मुंबई कांग्रेस इस मामले में आक्रामक हो गई है|कांग्रेस इस बात पर अड़ी है कि हम हर साल की तरह इसी जगह पर छठ पूजा का आयोजन करेंगे| इससे छठ पूजा विवाद गरमाने की आशंका है|
राजपाट सेवा मंडल द्वारा आयोजित छठ पूजा का आयोजन कांदिवली के लोखंडवाला इलाके में कई वर्षों से किया जाता रहा है| इस पूजा का आयोजन महाराणा प्रताप उद्यान में किया जाता है| आयोजन पूर्व कांग्रेस पार्षद राजपत और अनीता यादव ने किया। श्रद्धालुओं को पूजा करने के लिए दूर समुद्र तट पर न जाना पड़े, इसके लिए उन्होंने इस पार्क में सात छठ कुंड बनाए हैं। उन्होंने इस साल भी छठ पूजा आयोजित करने के लिए नगर पालिका से अनुमति मांगी थी| छह नवंबर को जब नगर पालिका ने उन्हें अनुमति दे दी तो उन्होंने नगर पालिका को एक लाख रुपये जमा राशि का भुगतान भी कर दिया था।
अचानक नहीं दी गई अनुमति: छठ पूजा के लिए राजपाट मंडल को अनुमति देने के बाद नगर निगम ने पूजा के लिए अचानक अनुमति देने से इनकार कर दिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम प्रशासन इस जगह पर एक कार्यक्रम आयोजित करना चाहता है| इस मामले में मुंबई प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रशासन की आलोचना की है और कई सवाल उठाए हैं|
 
लड़ाई जारी रहेगी: कांग्रेस मुंबई अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने इस सब पर प्रतिक्रिया दी है|हम पिछले 12 वर्षों से कांदिवली में छठ पूजा का आयोजन कर रहे हैं। लेकिन इस साल हमें अनुमति नहीं दी गई|इसके खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी|हमने इस संबंध में वार्ड अधिकारी को पत्र लिखा है|उन्हें बार-बार कॉल कर रहे हैं,लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया|यह लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है|उन्होंने कहा, हम इसकी निंदा करते हैं।
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