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Sunday, December 14, 2025
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केरल: मुनंबम में NDA की जीत, वक्फ बोर्ड विवाद के केंद्र में रही सीट पर जनता का राजनीतिक संदेश

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केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनंबम में स्थानीय निकाय चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने निर्णायक जीत दर्ज की है। यह वही वार्ड है जो पिछले कई वर्षों से केरल वक्फ बोर्ड से जुड़े भूमि विवाद, लगातार चलते प्रदर्शनों और अदालती लड़ाइयों के कारण चर्चा में रहा है। करीब 500 ईसाई परिवार कथित तौर पर वक्फ द्वारा उनकी जमीन पर किए गए दावे के चलते बेदखली की आशंका जता रहे थे।

मुनंबम में NDA की इस जीत को राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह वार्ड पिछले चुनाव में कांग्रेस के पास था। भाजपा के केरल महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ ने इसे ऐतिहासिक जीत करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, “मोदी सरकार और भाजपा मुनंबम के लोगों के साथ वक्फ के खिलाफ लड़ाई में खड़ी रहीं, और अब लोगों ने भाजपा को अपना जनादेश दिया है।”

यह परिणाम 2026 के केरल विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए मनोबल बढ़ाने वाला माना जा रहा है, खासकर ऐसे राज्य में जहां पार्टी अब तक सीमित राजनीतिक आधार ही बना पाई है। इसके साथ ही भाजपा तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भी बढ़त बनाए हुए है, जो कांग्रेस सांसद शशि थरूर का क्षेत्र माना जाता है।

मुनंबम वर्ष 2019 से विवादों के केंद्र में है, जब केरल वक्फ बोर्ड ने 404 एकड़ से अधिक भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित किया था। इस भूमि पर रहने वाले लगभग 500 परिवारों में अधिकांश ईसाई समुदाय से हैं। परिवारों ने वक्फ के दावों को अवैध बताते हुए विरोध शुरू किया। ये परिवार ‘मुनंबम भूमि संरक्षण परिषद’ के बैनर तले पिछले 400 दिनों से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे थे।

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड के दावे के बाद सरकार ने उनसे भूमि कर लेना बंद कर दिया, जिससे उनकी मालिकाना स्थिति पर सवाल खड़े हो गए। परिवारों की मुख्य मांग रही है कि उनके भूमि अधिकार और राजस्व रिकॉर्ड बहाल किए जाएं।

शुरुआत में प्रभावित परिवारों ने स्थानीय निकाय चुनावों के बहिष्कार का फैसला किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का निर्णय लिया। यह फैसला ऐसे समय आया जब केरल हाईकोर्ट ने मुनंबम की जमीन को वक्फ संपत्ति नहीं माना, जिसे प्रदर्शनकारियों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा गया। हालांकि, इस विवाद ने नया मोड़ तब लिया जब शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। इससे कानूनी अनिश्चितता फिलहाल बनी हुई है।

मुनंबम में NDA की जीत को केवल एक वार्ड की सफलता के रूप में नहीं देखा जा रहा, बल्कि इसे वक्फ विवाद, अल्पसंख्यक समुदायों की चिंताओं और भूमि अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर जनता की प्रतिक्रिया के तौर पर भी देखा जा रहा है। आने वाले महीनों में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला और राज्य सरकार का रुख यह तय करेगा कि यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है, लेकिन फिलहाल मुनंबम का चुनावी नतीजा केरल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।

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