उनका मानना है कि महायुति सरकार बेहतर काम कर सकती है इसीलिए महाराष्ट्र के 14 करोड़ लोगों ने महायुति को वोट दिया है, लेकिन महाविकास आघाड़ी द्वारा ईव्हीएम पर अविश्वास जताकर मतदाताओं का अपमान किया जा रहा है, इस प्रकार की आलोचना भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कि। उन्होंने कहा, हमने लोकसभा की हार पर आत्मचिंतन किया, उससे सिखा,आगे बढ़े और जीत हासिल की। लोगों ने डबल इंजन सरकार के लिए वोट किया है। उन्होंने यह भी कहा कि, जनता ने महाविकास अघाड़ी का करेक्ट कार्यक्रम किया और 440 वोल्ट का झटका भी दिया है।
नागपुर, कोराडी स्थित जनसंपर्क कार्यालय में बावनकुले मीडिया प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे। नांदेड़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत, क्या वहां की ईवीएम अच्छी थी? ऐसा प्रश्न बावनकुले ने पूछा। उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र के मतदाताओं ने महायुति सरकार की योजनाओं के लिए वोट किया है। लोगों का मानना है कि हमारी सरकार बेहतर काम कर सकती है, इसलिए यह जनादेश मिला है। जब मविआ के सांसद लोकसभा के लिए चुने गए तो ईवीएम अच्छी थी। फिलहाल महाविकास अघाड़ीवालों को नींद नहीं आ रही है, जब उन्हें नींद आने लगेगी तो वे शांत हो जाएंगे। महाविकास अघाड़ी के लोगों ने अनर्गल बकवास करने बजाय इस पर विचार करना चाहिए कि उनके वोट क्यों कम हुए हैं।
तीन पार्टियों की सरकार बनने में थोड़ा वक्त लगता है, मंत्री पद कैसे बांटे जाएंगे, किसे कौन सा खाता दिया जाएगा, और पालक मंत्री कहां कौन होगा, ये सारे सूत्र तैयार करके सरकार तैयार की जाती है। यह सिर्फ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का नाम तय करने का मामला नहीं है। तो कुछ समय लगेगा और जल्द ही सरकार स्थापित होगी। शपथ ग्रहण नवंबर में होगा या दिसंबर में, ऐसा कोई पैरामीटर नहीं है। बावनकुले ने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे वर्तमान में कार्यवाहक सरकार के मुख्यमंत्री हैं।
भारतीय जनता पार्टी में हर कोई चाहता है कि देवेन्द्र फड़णवीस मुख्यमंत्री बनें, महायुति में सहयोगी दलों के कार्यकर्ता चाहते हैं कि उनका नेता मुख्यमंत्री बने। इस पर तीनों दलों के नेता बैठ कर फैसला लेंगे। भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से कभी नाराज नहीं होता। उनका निर्णय अंतिम है। पार्टी के नेता सही निर्णय लेते हैं। शीघ्र ही महायुति के मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। जब उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ बेईमानी कर रहे थे, तो उन्हें सरकार बनाने में डेढ़ महीने लगे थे ऐसा ताना भी बावनकुले ने मारा ।
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