राज्यसभा में संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने के चलते चर्चा सत्र रखा गया था। जिसमे भाषण का विपर्यास कर इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेताओं ने घृणित प्रचार करने का आरोप गृहमंत्री अमित शाह ने लगाया है। कहा जा रहा है, अमित शाह के ‘आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर करना अब फैशन हो गया है…’ इस बयान को गलत तरीके से सोशल मीडिया पर फैला कर कांग्रेस ने गृहमंत्री पर लक्ष्यीत हमले किए, जिसके जरिए कांग्रेस अपने पाप छुपाना चाहती है।
बुधवार (18 दिसंबर) को अमित शाह ने प्रेस कॉन्फरेंस के जरिए अपनी बात रखीं। उन्होंने कहा राज्यसभा में, “मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया… पहले उन्होंने (कांग्रेस ने) पीएम मोदी के भी edited बयानों को सार्वजनिक किया। जब चुनाव चल रहा था तब मेरे बयानों को AI का उपयोग कर edit किया गया और पूरे देश में प्रसारित करने का घृणित कार्य किया गया और आज अंबेडकर जी के लिए मेरी बात को तोड़-मरोड़कर वे पेश कर रहे हैं। मैं उस पार्टी से आता हूं जो कभी अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर भाजपा ने हमेशा अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है।”
अमित शाह ने कहा कांग्रेस ने फिर से पहले की पद्धति का इस्तेमाल कर बातों को तोड़ मरोड़कर, सत्य को असत्य के कपडे पहनाकर, समाज में भ्रांति फ़ैलाने का कुत्सीत प्रयास किया है। बाबासाहेब न होते हुए भी कांग्रेस ने उन्हें हास्यास्पद ठहराने की कोशिश की है।
यह भी पढ़ें:
कुर्ला बस दुर्घटना मामले में बेस्ट ठेकेदार पर 4 लाख रुपए का जुर्माना!
भगोड़े विजय माल्या की संपत्ति बेचकर 14,000 करोड़ रुपये वसूले गए!
बता दें की, मंगलवार को राज्यसभा में चर्चासत्र के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस की डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर विरोधी नीतियों की चर्चा की, उन्होंने बताया की किस प्रकार कांग्रेस ने और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को 2 बार पराभूत करने के लिए प्रचार किया। पंडित नेहरु के आश्वासन पुरे न करने के कारण डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने मंत्रिपद का इस्तीफा दिया था, जिसमें ख़राब विदेश नीति, 370 को हटाना जैसे संवेदनशील मुद्दे शामिल थे। इसी के साथ गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस द्वारा OBC आरक्षण का विरोध और एससी/एसटी समुदायों की सुरक्षा में लापरवाही को लेकर भी खरी-खरी सुना दी। दरम्यान कांग्रेस ने अमित शाह के भाषण के एक वाक्य को उठाकर इकोसिस्टिम के जरिए भाषण का विपर्यास किया।
यह भी देखें: