ऐतिहासिक फुट के बाद एक फिर से शिवसेना को उबरने पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है| एकनाथ शिंदे द्वारा विधायकों के साथ किये किये बगावत के बाद शिवसेना संघटन पूरी तरह से बिखर गयी है|इस मुद्दे पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की ओर से शिवसेना शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और सांसद संजय राउत पर टिप्पणी करते हुए निशाना साधा गया है|
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिवसेना के हालात के लिए उद्धव ठाकरे और उनके चिरंजीव जिम्मेदार हैं। आज शिवसेना का अस्तित्व ही समाप्त होने के बाद उद्धव के नेतृत्व में शिवसेना को दोबारा खड़ा नहीं किया जा सकता है| इन सभी के लिए शिवसेना सांसद संजय राउत जिम्मेदार हैं| यही नहीं उन्होंने ठाकरे को सलाह देते हुए कहा किउन्हें अब बैठकर आराम करना चाहिए है।
राणे ने यहां तक कहा कि उद्धव ठाकरे और संजय राउत की मानसिक स्थिति ख़राब हो गयी है| अब वे अपना मुंह बंद रखें, जो मुख्यमंत्री होते हुए अपना विधायक स्वयं नहीं संभाल सकता तो वह नागरिकों को क्या संभालेगा? महाविकास अघाड़ी सरकार में काम करते हुए हमें बताएं कि मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे ने लोगों के लिए किन समस्याओं का समाधान किया। उल्टे उन्होंने नारायण राणे के घर के संबंध में नोटिस भेजने का काम किया| ढाई साल में अपने ही विधायक-सांसदों को 8-8 घंटे इंतजार करवाते रहे, उनका काम नहीं हुआ। नारायण राणे ने यह भी आरोप लगाया है कि मातोश्री के करीबी लोगों को ही काम करना था।
अब शिवसेना के चुनाव चिह्न पर उठाया गया सवाल कानून की बात पर निर्भर करता है| 11 तारीख को सुनवाई के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। नारायण राणे ने यह भी कहा है कि नई सरकार लोगों की विभिन्न समस्याओं का समाधान करेगी और इस राज्य को कल्याणकारी राज्य बनाएगी|
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