राष्ट्रवादी कांग्रेस विधायक और पूर्व आवास मंत्री जितेंद्र अवध को जमानत मिलनी चाहिए या जेल जाना चाहिए, इस पर आज 12 नवंबर अदालत ने सुनवाई की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों के बाद जितेंद्र अवध को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसी पृष्ठभूमि में ठाणे कोर्ट के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया| पुलिस इस बात का भी ध्यान रख रही है कि राकांपा कार्यकर्ता कोर्ट परिसर में जमा न हों।
इस बीच सुनवाई शुरू होने के बाद पुलिस ने कोर्ट के सामने सड़क को जाम कर दिया है| इससे उत्पन्न ट्रैफिक जाम के कारण ठाणे स्टेशन, कोर्टनाका, कलेक्टर कार्यालय में सुबह काम के लिए आने वाले नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा| रिमांड रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया कि जितेंद्र आव्हाड पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। यह भी मांग की गई थी कि आव्हाड को पांच दिन की पुलिस हिरासत दिया जाए। सुनवाई के दौरान जज बी.एस.पाल ने दोनों पक्षों की बात सुनी।
इस बीच, यह आरोप लगाया गया है कि जितेंद्र आव्हाड द्वारा फिल्म ‘हर हर महादेव’ दिखाए जाने के बाद एनसीपी कार्यकर्ताओं ने एक दर्शक वर्ग की पिटाई कर दी। वर्तकनगर थाने में जितेंद्र आव्हाड समेत 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था| वर्तकनगर पुलिस ने इस मामले में एनसीपी नेता जितेंद्र अवाद समेत 11 से 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। आव्हाड के समर्थन में बड़ी संख्या में एनसीपी कार्यकर्ता कोर्ट परिसर में पहुंचे। इस मौके पर राकांपा कार्यकर्ताओं ने अवध के समर्थन में नारेबाजी की। दिलचस्प बात यह है कि इसमें महिला कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
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