पीएम मोदी के अंगुली वाले बयान शरद पवार का तंज 

राजनीति है पवार जी! अंगुली पकड़ा तो कभी छोड़ना भी पड़ेगा 

पीएम मोदी के अंगुली वाले बयान शरद पवार का तंज 

PM Modi's finger statement taunts Sharad Pawar

एनसीपी मुखिया शरद पवार ने पीएम मोदी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं इसकी हमे बड़ी कीमत चुकानी होगी। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने एक भाषण में शरद पवार की तारीफ़ की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह शरद पवार की अंगुली पकड़ कर राजनीति में पहुंचे है। उस समय इस बयान का खूब अर्थ निकाला गया था। मालूम हो कि पीएम मोदी ने शरद पवार की अंगुली पकड़कर राजनीति में आने वाली बात 2016 में कही थी। लेकिन आज स्थिति बदल गई है।

बता दें कि एक संवाददाता सम्मेलन में पीएम मोदी की इस टिप्पणी पर पत्रकारों एक सवाल पूछा था। जिसके जवाब में शरद पवार ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि यह मुझे बहुत महंगा पड़ेगा। इस दौरान शरद पवार ने कहा कि वे अपनी उम्र की वजह से पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं। उन्होंने इस दौरान पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर देखे जाने पर कहा कि मैं पीएम उम्मीदवार की दौड़ में नहीं हूँ। लेकिन उन्होंने विस के दौरान कहा कि 2024 के के लिए गैर भाजपा दलों को एकजुट करने की कोशिश करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 के लोकसभा में भाजपा ने जो जनता से वादा किया था। उसे पूरा नहीं। उन्होंने  कहा कि जिसमें अच्छे दिन, गांवों में इंटरनेट, हर घर शौचालय आदि शामिल है, लेकिन भाजपा ने अपना वादा पूरा नहीं किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा अपने विरोधियों के खिलाफ जो कार्रवाई कर रही है वह लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सत्ता के  केंद्रीय जाँच एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है।

वैसे, शरद पवार के इस बयान में कोई नया नहीं है। पीएम मोदी ने यह बात 2016 में की थी, जब वह पहली बार पीएम बने थे, लेकिन,शरद पवार इन बातों को आज जिक्र करके क्या बताना चाहते हैं। समझ से परे हैं, लेकिन 2019 में शरद पवार ने भाजपा के साथ जो किया उसे भाजपा कभी भूलेंगी नहीं।
वर्ष 2019 में शिवसेना के साथ उन्होंने गठबंधन कर महाविकास अघाड़ी सरकार बना ली। उससे भाजपा को खुन्नस तो है ही। एनसीपी नेता ने भी इस दौरान भाजपा को धोखा ही दिया था। अजित पवार ने भाजपा के साथ सरकार बनाने की कोशिश की थी| उन्होंने उप मुख्यमंत्री की शपथ भी ले ली थी,लेकिन बाद में शरद पवार के दबाव में उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया था। शरद पवार को यह बयान देने से पहले इस बारे में भी सोच लेना चाहिए था।
 
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