एनसीपी विधायक की अयोग्यता का मामला विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की अदालत में लंबित है और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 31 जनवरी तक फैसला सुनाने का आदेश दिया था|लेकिन,अब सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ा दिया है|सुप्रीम कोर्ट में आज जयंत पाटिल की याचिका पर सुनवाई हुई|इस समय सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष का कार्यकाल 15 फरवरी तक बढ़ा दिया है|सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच के सामने आज सुनवाई हुई|
30 अक्टूबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को संविधान की दसवीं अनुसूची के अनुसार 31 जनवरी, 2024 तक निर्णय लेने का निर्देश दिया था। हालांकि, कार्यकाल खत्म होने से दो दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से तीन हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा|
जयंत पाटिल ने याचिका दायर कर मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को अजित पवार गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने का निर्देश दे|इस याचिका पर सुनवाई करते हुए तुषार मेहता ने मोहलत की मांग की|
महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा, विधानसभा अध्यक्ष शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने में लगे हुए हैं। इसलिए वह एनसीपी विधायक अयोग्यता मामले में समय नहीं रख सके। एनसीपी विधायक अयोग्यता मामले में कार्यवाही खत्म हो गई है| लेकिन, राष्ट्रपति को आदेश जारी करने के लिए तीन हफ्ते और चाहिए| इसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 15 फरवरी तक की अंतिम तारीख दी है| इसलिए, 31 जनवरी को आने वाले अपेक्षित नतीजे में अब देरी हो गई है और एनसीपी विधायक अयोग्यता मामले के नतीजे के लिए 15 फरवरी तक इंतजार करना होगा।
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