एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि सुबह-सुबह शपथ लेने के कारण ही राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाया गया। वे चिंचवाड़ में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे|उस समय सरकार बदलने की कोशिश हो रही थी। हालांकि, पवार ने कहा कि एक फायदा यह हुआ कि राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया। पवार ने यह भी कहा कि आपने देखा होगा कि राष्ट्रपति शासन लगने के बाद क्या हुआ।
…तो राष्ट्रपति शासन हट जाता ? : मीडिया ने शरद पवार से भी एक सवाल किया। क्या आप इस शपथ के बारे में जानते हैं? उस वक्त पवार ने कहा था कि अगर ऐसा कुछ नहीं हुआ होता तो क्या राष्ट्रपति शासन हट जाता? पवार ने इस वक्त भी यह सवाल किया। अगर राष्ट्रपति शासन नहीं हटा होता तो क्या उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनते? शरद पवार ने यह सवाल भी उठाया था।
लोग उसी दल के पक्ष में जाते हैं जिसके साथ अन्याय हुआ हो : राजनीति में मतभेद होते हैं, विरोध होते हैं। लेकिन सत्ता का गलत इस्तेमाल कर पार्टी और सिंबल हड़पने की बात कभी नहीं हुई। अब मैं कांग्रेस से बाहर हूं। लेकिन शरद पवार ने कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है| चुनाव आयोग ने हमें सुझाव दिया, फिर उन्होंने हाथ थाम लिया और हमने घड़ी|
लेकिन यहां चुनाव आयोग की विशेषता यह है कि पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न दिया गया है। शरद पवार ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ| ऐसे में जनता उस पार्टी के पक्ष में जाती है जिसके साथ गलत हुआ है। मैं फिलहाल राज्य में घूम रहा हूं, जिससे यह देखा जा सकता है कि जनता उद्धव ठाकरे के पक्ष में है| शरद पवार ने यह भी कहा कि इसके नतीजे आने वाले चुनावों में देखने को मिलेंगे|
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