शरद पवार का खुला पत्र; मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जिक्र करते हुए कहा..!

छगन भुजबल ने इस बात से इनकार किया है कि वह मराठाओं को ओबीसी आरक्षण से आरक्षण नहीं देंगे|राज्य में बेमौसम बारिश और प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान बेहाल हो गये हैं| इन सभी घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने अपने एक्स (ट्विटर) आधिकारिक हैंडल पर एक खुला पत्र साझा किया है।

शरद पवार का खुला पत्र; मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जिक्र करते हुए कहा..!

Sharad Pawar's open letter; Referring to Chief Minister Eknath Shinde he said..!

पिछले कुछ दिनों से राज्य की राजनीति में बड़े घटनाक्रम होते नजर आ रहे हैं|शिंदे गुट और ठाकरे गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर स्पीकर के सामने सुनवाई चल रही है|दूसरी ओर, मनोज जरांगे के आंदोलन से मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है|हालांकि, छगन भुजबल ने इस बात से इनकार किया है कि वह मराठाओं को ओबीसी आरक्षण से आरक्षण नहीं देंगे|राज्य में बेमौसम बारिश और प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान बेहाल हो गये हैं| इन सभी घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने अपने एक्स (ट्विटर) आधिकारिक हैंडल पर एक खुला पत्र साझा किया है।

क्या है इस पत्र में?: इस पत्र के जरिए शरद पवार ने सरकार से दूध की कीमत को लेकर तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है|पिछले कुछ दिनों से डॉ. अजित नवले और अन्य कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं|भले ही महाराष्ट्र सरकार ने 14 जुलाई, 2023 को एक अध्यादेश जारी कर गाय के दूध की न्यूनतम कीमत 34 रुपये प्रति लीटर तय की, लेकिन ऐसा लगता है कि दुग्ध संघ उक्त आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं।सरकार को इस संबंध में तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है|’ शरद पवार ने इस पत्र में कहा है कि दूध संघ को भी इसके लिए सहयोग करना चाहिए|

मुख्यमंत्री से ‘ये’ अनुरोध: इस बीच, इस पत्र में शरद पवार ने दूध के रेट को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी अनुरोध किया है| “भूख हड़ताल कर रहे किसान नेता डॉ. अजित नवले और उनके साथियों से अनुरोध है कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अपना अनशन वापस ले लें| हम सरकार से बातचीत कर कोई रास्ता निकालेंगे|’दूध उत्पादक किसानों से भी अनुरोध है कि वे दूध जैसे खराब होने वाले सामान को सड़क पर बहाकर और अधिक नुकसान न करें। पत्र में कहा गया है,राज्य के मुख्यमंत्री को कृपया इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और दूध की कीमत वृद्धि को तुरंत लागू करना चाहिए।

अकोला में दूध उत्पादक किसान पिछले एक सप्ताह से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं|अब उनके साथ किसान नेता अजित नवले भी भूख हड़ताल पर हैं|यह उपवास मुख्य मांग दूध की कीमत 34 रुपये किये जाने को लेकर किया जा रहा है|राज्य सरकार के आदेश के बावजूद दुग्ध संघों द्वारा यह दर देने से इनकार करने से मामला गरमा गया है|
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