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Monday, March 31, 2025
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नई दिल्ली: पीएम मोदी से सांसद इमरान मसूद की अपील, दीजिए ‘मुसलमानों को मोहब्बत की सौगात’!

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि मोदी जी का दिल बहुत बड़ा है। इसलिए मैं उनसे अपील करता हूं कि मुसलमानों को मोहब्बत की सौगात दीजिए।  

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ईद के मौके पर भाजपा देशभर के 32 लाख मुसलमानों में ‘सौगात-ए-मोदी’ किट बाटेंगे। इसे लेकर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि मोदी जी का दिल बहुत बड़ा है। इसलिए मैं उनसे अपील करता हूं कि मुसलमानों को मोहब्बत की सौगात दीजिए।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि पीएम मोदी का दिल बहुत बड़ा है। मैं पीएम से आग्रह करूंगा कि दिल तो आपका बहुत बड़ा है, इसलिए मुसलमानों को सुरक्षा और शिक्षा की सौगात दीजिए। रोजगार की सौगात दीजिए। जब दिल लगाने की बात है, तो मुसलमानों को मोहब्बत की सौगात दीजिए।

तमिलनाडु विधानसभा द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि जिस तरह से तमिलनाडु ने इसे पारित किया है, मुस्लिम वोट चाहने वाली सभी सरकारों को अपना रुख स्पष्ट करने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल को ऐसा करना चाहिए, बिहार को ऐसा करना चाहिए और अन्य सभी सरकारों को ऐसा करना चाहिए। खासकर, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को अपना रुख बिल्कुल स्पष्ट करना चाहिए।

संभल सीओ अनुज चौधरी के ईद की सेवइयां और होली की गुझिया वाले बयान पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि वह पागल अधिकारी हैं। वह मूर्ख अधिकारी हैं, उनमें बुद्धि नहीं है। वह जो बोल रहे हैं, उसे काटना पड़ेगा। समाज में नफरत नहीं रह सकती है।

समाज में सिर्फ प्यार होना चाहिए। गुझिया खाने में कोई दिक्कत नहीं है और जिस किसी को गुझिया खाने से दिक्कत है, मुझे उन पर शर्म आती है। हमें मिलजुल कर प्यार से रहना चाहिए। सभी त्योहार एक साथ मनाओ। बस समाज में नफरत फैलाने का काम बंद करो।

संभल प्रशासन द्वारा सड़क या छत पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “यह बात मुसलमानों को भी समझनी चाहिए। सड़कें सरकार की हैं। अगर सरकार कह रही है कि सड़क पर नमाज न पढ़ें, तो वहां नमाज न पढ़ें। मुझे जहां तक पता है, अगर आपको कहीं पर नमाज पढ़ने की जरूरत है, तो उसके लिए इजाजत चाहिए।

मुसलमान की प्रॉपर्टी मस्जिद है, इसलिए उन्हें मस्जिद में नमाज पढ़नी चाहिए। लेकिन, छत पर रोक लगाना गलत है। मस्जिद में भीड़ है, तो छत पर नमाज नहीं पढ़ेंगे, तो कहां पढ़ेंगे?”
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