आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने यह बात कही। बाद में विधेयक सदन में पारित हो गया। इसे लोकसभा की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।
गृह मंत्री ने बताया कि एनडीआरएफ ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को ध्यान में रखते हुए 2015 में नेपाल के भूकंप में ऑपरेशन मैत्री, 2018 में ऑपरेशन समुद्र मैत्री इंडोनेशिया, 2023 में ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्की और सीरिया, ऑपरेशन करुणा म्यांमार और ऑपरेशन सद्भाव के तहत वियतनाम में आपदा प्रबंधन का कार्य किया। इन सभी देशों की न केवल सरकारों ने बल्कि वहां की जनता ने भी एनडीआरएफ और प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की।
विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के सांसद के आरोपों का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष कांग्रेस के समय में बना था और पीएम केयर प्रधानमंत्री मोदी के शासन में बना है। कांग्रेस के शासन में एक परिवार का ही नियंत्रण होता था। सरकारी फंड में कांग्रेस के अध्यक्ष सदस्य होते थे।
उन्होंने कहा कि हमने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को इसका सदस्य नहीं बनाया। हमारे यहां प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री पदेन सदस्य हैं। प्रधानमंत्री राहत कोष से राजीव गांधी फाउंडेशन को फंड दिया गया, जिसे तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्षा और उनका परिवार चलाता है। हमने फंड का इस्तेमाल कोरोना महामारी, आपदा राहत, ऑक्सीजन प्लांट, गरीबों को सहायता, टीकाकरण और वेंटिलेटर के लिए किया।
आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक पर बोलते हुए अमित शाह ने बताया कि 2004 से 2014 तक एसडीआरएफ का बजट 38 हजार करोड़ रुपये था। वर्ष 2014 से 2024 के बीच इस बजट को बढ़ाकर एक लाख 24 हजार करोड़ रुपये किया गया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 250 करोड़ रुपये का नेशनल डिजास्टर रिस्पांस रिजर्व बनाया है। साल 2016 में पहला नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान जारी हुआ। वर्ष 2018-19 में सुभाष चंद्र बोस डिजास्टर मैनेजमेंट अवॉर्ड की स्थापना की गई।
गृह मंत्री ने बताया कि एनडीआरएफ की 16 बटालियन कार्यरत हैं। आज एनडीआरएफ के भगवा रंग के कपड़े देखकर लोगों को शांति मिलती है। लोगों को लगता है कि ये आ गए हैं, अब हम बच जाएंगे। न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में हमने काम किया है।
एसबीआई रिपोर्ट: प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग दिशानिर्देशों में संशोधन अर्थव्यवस्था को देंगे बढ़ावा!