Nitin Gadkari on Road Accidents: लोकसभा में बोलते हुए जताया अफसोस!

नितिन गडकरी ने उम्मीद जताई कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है और मानव स्वभाव में बदलाव लाने के लिए बदलाव जरूरी है|

Nitin Gadkari on Road Accidents: लोकसभा में बोलते हुए जताया अफसोस!

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भाजपा नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं| विकास के मुद्दे पर बात करते हुए वे कई बार प्रशासन और सरकार पर भी जमकर बरसे| हाल ही में उन्होंने सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों पर लोकसभा में अपना पक्ष रखा था|

भारत में हर दिन सड़क दुर्घटनाओं के कारण कहीं न कहीं मौतें होती रहती हैं। हाल ही में मुंबई के कुर्ला में बेस्ट बस के एक्सीडेंट में सात लोगों की मौत हो गई​|​ गुरुवार को सीएसएमटी इलाके में बेस्ट बस की चपेट में आने से एक पैदल यात्री की मौत हो गई​|​ निजी वाहनों और ट्रकों के बीच टक्कर में कई लोगों की मौत हो जाती है। लोकसभा में इस बारे में बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि जब मैं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेता हूं और जब सड़क दुर्घटनाओं का विषय आता है, तो मेरे लिए अपना चेहरा छिपाने का समय आ जाता है​|​

नितिन गडकरी ने उम्मीद जताई कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है और मानव स्वभाव में बदलाव लाने के लिए बदलाव जरूरी है| साथ ही जब उन्होंने पहली बार इस विभाग का कार्यभार संभाला था| उस समय सड़क दुर्घटनाओं में 50 फीसदी कमी लाने का लक्ष्य रखा गया था| लेकिन गडकरी ने स्वीकार किया कि दुर्घटनाओं में कमी अभी ख़त्म नहीं हुई है, लेकिन धीरे-धीरे इसमें बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, इसीलिए जब मैं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेता हूं तो सड़क दुर्घटनाओं का विषय आने पर मुझे अपना चेहरा छिपाना पड़ता है।

सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 1.78 लाख मौतें: नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में जीरो वॉच के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सड़क दुर्घटनाओं पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, दुर्घटनाओं को कम करने के लिए मानव स्वभाव को बदलना होगा। समाज को भी बदलना होगा| साथ ही सभी को कानून का सम्मान करना होगा| भारत में हर साल 1.78 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मरते हैं। गडकरी ने यह भी बताया कि 60 फीसदी पीड़ित 18 से 34 साल की उम्र के हैं|

किस राज्य में सबसे ज्यादा मौतें?: उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। कुल दुर्घटनाओं में से 13.7 प्रतिशत या 23,000 मौतें अकेले उत्तर प्रदेश में हुईं। तब तमिलनाडु में 10.6 फीसदी यानी 18,000 मौतें हुई थीं| गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है और 9 फीसदी यानी 15,000 मौतें हुई हैं| इसके बाद 13,000 मौतों के साथ मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर है।

शहरों की बात करें तो सबसे ज्यादा मौतें दिल्ली में हुईं। दिल्ली में प्रति वर्ष 1,400 मौतें होती हैं, उसके बाद बेंगलुरु (915) का नंबर आता है। उन्होंने दुर्घटनाओं के कारणों पर बात करते हुए कहा कि सड़क पर खड़े ट्रक दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण हैं| उन्होंने यह भी बताया कि कई ट्रक चालक राजमार्ग पर लेन अनुशासन का पालन नहीं करते हैं।

उन्होंने समृद्धि हाईवे पर हुई बस दुर्घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में बस निर्माता कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बसें बनाने का आदेश दिया गया है​|​ ताकि दुर्घटना के बाद यात्री तुरंत खिड़की के पास लगे शीशे को हथौड़े से तोड़कर बाहर निकल सके।

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