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Saturday, November 23, 2024
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अब हलवा खाने वालों की जाती ढूंढ रहें राहुल गांधी!

पिछड़े वर्ग से आनेवाले भाजपा समर्थकों ने दावा किया है की बजट बनानेवाले अफसरों में 2 पिछड़े वर्ग से आनेवाले अफसर भी शामिल थे। 

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लोकसभा के विरोधीपक्ष नेता राहुल गांधी ने बजट में बटने वाले हलवे पर भी सवाल करना शुरु किया है। राहुल गांधी ने बजट के हलवा खाने वालों में ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यांक न होने की बात की है। शुरुवात में तो उनके दिखाए फोटो और बयानों को सुनकर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने सर पकड़ लिया था। राहुल गांधी ने कहा है की देश का हलवा बट रहा था तो उसमें खाने वाला, एस सी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यांक क्यूँ नहीं है।

राहुल गांधी ने बजट बनाने वाले अफसरों पर ही अब सरकार को घेरना करना शुरु किया है। राहुल गांधी का जब देश का हलवा बट रहा था तब एससी, एसटी, ओबीसी खाने के लिए क्यों नहीं थे, उनका पूछने का मतलब है की देश के बजट बनाया गया तब उसमें शामिल 20 अफसरों में पिछड़े वर्ग से कोई नहीं था। राहुल गाँधी के इस बयान के बाद उन पर देश भर से आलोचना और टिप्पणियां की जा रही है। लोगों उनके बयान को बेतुका कहा है। तो राहुल गांधी के समर्थक इस बयान को जगह जगह फैलाने मैं जुटे है।

वहीं सोशल मीडिया पर लोगों ने राहुल गाँधी की सोच को देश के लिए घातक कहा है। एक एक्स’ यूजर ने राहुल गांधी की वीडियो को अपलोड कर लिखा है,”ये आदमी बहुत खतरनाक है, लोगों को भड़काने का कोई मौका नहीं चूकता..वह हर चीज के लिए जाति का फरिश्ता देते हैं, झूठा दावा करते हैं कि ओबीसी एससी-एसटी के लोगों को कुछ नहीं मिल रहा है।ये चीनी मां-बेटे सिर्फ भारत को जलते, बर्बाद होते देखना चाहते हैं….”

राहुल गांधी के बयान के चलते ओबीसी वर्ग के लोगों का कहना है, बजट बनानेवाले अफसर 1980-90 के बैच दरम्यान बने अफसर है, यह वो समय है जब कांग्रेस ने ओबीसी समाज को 27 प्रतिशत का आरक्षण नहीं दिया था। इस समय में इंदिरा गाँधी और राजीव गांधी ने 1980 में मंडल कमीशन द्वारा दी रिपोर्ट को नजरअंदाज कर आरक्षण नहीं दिया। ओबीसी समाज के प्रतिनिधियों ने कहा है की भाजपा के समर्थन से बने नॉन-कांग्रेस सरकार की मदद से ही ओबीसी का आरक्षण लागु हुआ है, जिसका समय था 1993 ऐसे मैं 1980-90 के बीच ओबीसी समाज के अधिकारी को ढूंढना मूर्खता है। पिछड़े वर्ग से आनेवाले भाजपा समर्थकों ने दावा किया है की बजट बनानेवाले अफसरों में 2 पिछड़े वर्ग से आनेवाले अफसर भी शामिल थे।

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