आषाढ़ी एकादशी की तरह कार्तिक एकादशी के अवसर पर पंढरपुर के विट्ठल मंदिर में भक्तों की भीड़ होती है।आषाढ़ी एकादशी पर, राज्य के मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी विट्ठल की आधिकारिक पूजा करते हैं।कार्तिकी एकादशी के अवसर पर यह सरकारी पूजा उपमुख्यमंत्री द्वारा की जाती है|पिछले साल राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उनकी पत्नी अमृता फडणवीस ने कार्तिकी एकादशी पर विट्ठल की पूजा की थी।
हालांकि, इस साल राज्य में दो उपमुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार) हैं।इसलिए विट्ठल मंदिर समिति के सामने यह दुविधा खड़ी हो गई है कि इस साल किस उपमुख्यमंत्री को सरकारी पूजा का सम्मान दिया जाए|साथ ही राज्य की जनता यह भी सोच रही है कि कार्तिक के मौके पर कौन सा उपमुख्यमंत्री विट्ठल की पूजा करेगा|
इस बीच, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने मंदिर समिति को हो रही शर्मिंदगी पर टिप्पणी की है|सुप्रिया सुले ने कहा, मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता कि किसकी पूजा करनी चाहिए| ‘राम कृष्ण हरि’ शब्द सदैव मेरे मन में और होठों पर रहता है। मैं ‘राम कृष्ण हरि’ का जाप करने वाला हूं। हम सब किसान हैं, हम सब किसान हैं। हमारे पास तो बस ‘हरि मुखे बोलो, हरि मुखे बोलो’ है।
मंदिर समिति की बैठक में क्या हुआ निर्णय?: कार्तिक के मौके पर किस उपमुख्यमंत्री को सरकारी पूजा का सम्मान दिया जाये, इसे लेकर मंदिर समिति ने बैठक की| इस बैठक के बाद मंदिर समिति के सह अध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर ने कहा कि 23 नवंबर को कार्तिकी एकादशी है और सुबह 2.20 बजे श्री की आधिकारिक पूजा उपमुख्यमंत्री और मनाचे वारकरी द्वारा की जाएगी|चूंकि इस साल राज्य में दो उपमुख्यमंत्री हैं, इसलिए मंदिर समिति की बैठक में कानून और न्याय विभाग की सलाह लेने पर चर्चा हुई|उनके फैसले के मुताबिक हम उपमुख्यमंत्री को आमंत्रित करेंगे|
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