बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंसा और जगह-जगह आगजनी के बीच उपद्रवियों का खुला तांडव आम नागरिकों के लिए गंभीर संकट पैदा करता दिखाई दे रहा है|देश बिगड़ी व्यवस्था को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हिंसा की निष्पक्ष जांच और आर्थिक सहयोग करने की कही बात कही|विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश में नई सरकार के गठन और आर्थिक सहयोग के साथ अमेरिका हिंसा की पारदर्शी जांच के पक्ष में है|
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश हिंसा और सत्ता परिवर्तन पर बड़ा बयान दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मीडिया से कहा, हम बांग्लादेश के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। अमेरिका बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ा है। यूएस ने बांग्लादेश के नागरिकों से हिंसा से दूरी बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने शांति बनाए रखने का अनुरोध किया है। अमेरिका बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा का स्वागत करता है और हम चाहते हैं सत्ता का हस्तांतरण वहां के कानून के मुताबिक हो। अमेरिका ने बांग्लादेश को आर्थिक सहयोग जारी रखने की बात कही।
मिलर ने हिंसा में मारे गए लोगों के साथ गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। अब अमेरिका का कहना है कि अंतरिम सरकार के बारे में सभी निर्णय लोकतांत्रिक सिद्धांतों, कानून के शासन और बांग्लादेशी लोगों की इच्छा के सम्मान के साथ होना चाहिए। उन्होंने हिंसा को समाप्त करने और जवाबदेही तय करने पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही है। इन सब के साथ अमेरिका बांग्लादेश हिंसा के संबंध में पारदर्शी और निष्पक्ष जांच चाहता है।
बांग्लादेश को अमेरिकी वित्तीय सहायता के संबंध में विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, वित्त वर्ष 2023 में अमेरिका ने बांग्लादेश को द्विपक्षीय आर्थिक विकास और स्वास्थ्य सहायता के लिए 212 मिलियन डॉलर से अधिक प्रदान किए। हम सहयोग जारी रखना चाहेंगे, क्योंकि ये अमेरिका-बांग्लादेश संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। अमेरिका ने अगस्त 2017 से रोहिंग्या शरणार्थियों के सहयोग के लिए लगभग 2 बिलियन डॉलर की मानवीय सहायता प्रदान की थी।
बांग्लादेश में पिछले कुछ हफ़्तों में हुई हिंसा के संबंध में अमेरिका पूरी और पारदर्शी जांच चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने ये बात कही। तख्तापलट के बाद सैन्य हुकूमत का समर्थन करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेशी लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाना महत्वपूर्ण है। यह देश की जनता ही तय करेगी कि उन्हें किस तरह की लोकतांत्रिक सरकार चाहिए।’
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