वक्फ संशोधन बिल प्रदर्शनों पर जगदम्बिका पाल बोले “विपक्ष जनता को कर रहा गुमराह”

वक्फ संशोधन बिल प्रदर्शनों पर जगदम्बिका पाल बोले “विपक्ष जनता को कर रहा गुमराह”

On the Wakf Amendment Bill protests, Jagdambika Pal said, "The opposition is misleading the public"

वक्फ संशोधन बिल को लेकर देश में घमासान मचा हुआ है। विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों द्वारा इस बिल का विरोध किए जाने पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने इसे तुष्टिकरण और सियासी तकरार का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि यह विरोध जनता को गुमराह करने की रणनीति का हिस्सा है।

जगदम्बिका पाल ने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने इस बिल पर गहराई से विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा,”समिति ने छह महीने में 118 घंटे की चर्चा की और 38 बैठकें की। इसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई प्रमुख संगठनों को बुलाया गया। असदुद्दीन ओवैसी, कल्याण बनर्जी और ए. राजा जैसे नेताओं के विचारों को सुना गया।” उन्होंने कहा कि बिल का मकसद वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि इनका सही उपयोग हो सके और गरीब, पसमांदा मुस्लिम, अनाथ और विधवाओं को लाभ मिल सके।

बिल का विरोध कर रहे संगठनों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि “कुछ समूह शाहीन बाग जैसी स्थिति बनाने की धमकी दे रहे हैं। यह सिर्फ सियासी फायदा उठाने की रणनीति है।”

उन्होंने धारा 370 और तीन तलाक कानून का उदाहरण देते हुए कहा कि “जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया, तब महबूबा मुफ्ती ने खून की नदियां बहने की धमकी दी थी, लेकिन अब वहां हालात बेहतर हैं। तीन तलाक कानून के खिलाफ भी प्रदर्शन हुए थे, लेकिन अब मुस्लिम महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं।”

जगदम्बिका पाल ने बताया कि सरकार ने बिल को सीधे पारित कराने के बजाय इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा, ताकि सभी पक्षों की राय ली जा सके। उन्होंने कहा,”यह लोकतंत्र है। जनता द्वारा चुने गए सांसद ही कानून बनाते हैं। समिति में सभी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया, लेकिन ओवैसी और अन्य विपक्षी नेता हंगामा कर रहे थे, बोतलें फेंकी जा रही थीं। यह दिखाता है कि वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं।”

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वक्फ संशोधन बिल के पारित होने की प्रक्रिया तेज होते ही विपक्षी दलों ने इसे लागू न होने देने की घोषणा की है, साथ ही लगातार प्रदर्शन जारी रखने की बात कही। सरकार का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और गरीब मुस्लिमों को इसका असली फायदा देने के लिए जरूरी है। वहीं, विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बता रहा है। बिल को लेकर संसद से सड़क तक टकराव बढ़ता जा रहा है और आने वाले दिनों में यह राजनीतिक विवाद और गहराने की संभावना है।

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