पीएम मोदी के विरोध में विपक्ष का जुटान कल यानी 23 जून को पटना में होना है। इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को पटना पहुंची और लालू यादव का पैर छुआ। बताया जा रहा है कि पटना पहुंचने पर सीधे तेजस्वी यादव के पांच देशरत्न आवास पहुंची। जहां उन्होंने तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, लालू यादव से मुलाकत की। बता दें कि शुक्रवार विपक्ष के नेताओं का पटना में जुटान हो रहा है। वहीं, आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल के इस बैठक में शामिल होने पर संशय है।
बता दें कि एक दिन पहले ही केजरीवाल ने एक पत्र लिख कर विपक्ष के नेताओं से कहा था कि केंद्र द्वारा लाये गए अध्यादेश पर बैठक में चर्चा जरूर होनी चाहिए। वही जेडीयू ने साफ़ कर दिया है कि इस बैठक में केवल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता ही मुद्दा होगा।
बताया जा रहा है कि वेस्ट बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जब पटना एयरपोर्ट पर पहुंची तो बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर उनका स्वागत किया। इसके बाद ममता बनर्जी सीधे तेजस्वी यादव के आवास पहुंची। बता दें कि कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती भी पटना पहुंच गई है। लालू यादव के परिवार से मुलाक़ात की। इसके बाद ममता बनर्जी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगी।
इस बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, वाम दलों के नेता, झारखंड के मुख्यमत्री हेमंत सोरेन, महबूबा मुफ़्ती, शरद पवार, उद्धव ठाकरे शामिल होने वाले है। अगर अरविन्द केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान इस बैठक में पहुंचते हैं तो नजारा क्या होगा यह बड़ा दिलचस्प होगा। क्योंकि जिस तरह जेडीयू ने केजरीवाल के अजेंडे को खारिज किया है। उससे पता चलता है कि उनके रोने से इस बैठक में किसी भी दल का दिल पसीजना मुश्किल है। साफ है कि अगर केजरीवाल यहां पहुंचेंगे तो बैठक में अध्यादेश के मुद्दे पर तनातनी देखने को जरूर मिलेगा।
वहीं, बताया जा रहा है कि इस बैठक से पहले जिस तरह से कांग्रेस चुप्पी साध रखी है, उससे पता चलता है कि बैठक में कांग्रेस सीट शेयरिंग पर के मुद्दे पर ममता बनर्जी और केजरीवाल को घेरना वाली है। क्योंकि जिस तरह ममता बनर्जी कांग्रेस पर हमलावर है उससे लगता है कि कडा उन्हें जवाब मिलने वाला है। वहीं, अध्यादेश और सीट शेयरिंग को लेकर केजरीवाल भी कांग्रेस से भिड़ते रहे हैं। अब देखना होगा कि शुक्रवार की बैठक का क्या नतीजा निकलता है।
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