गुरुवार को आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से एसआईआर पर विरोध जताया जा रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वोटर वेरिफिकेशन का अधिकार दिया है। यह प्रक्रिया फर्जी और मृत मतदाताओं को हटाने के लिए है, जो मतदाताओं के अधिकारों का हनन नहीं है।
आयोग ने विपक्षी दलों के वकीलों से पूछा है कि बताइए एसआईआर कैसे गलत है?
पूर्व भाजपा सांसद के अनुसार, एसआईआर बिल्कुल सही है। आयोग को अधिकार है कि वह वोटर वेरिफिकेशन करा सकता है। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में जो फर्जी मतदाता हैं, जो मृत हैं या फिर बिहार छोड़कर दूसरे राज्यों में बसे हैं, उन्हें वोटर लिस्ट से बाहर करना जरूरी है।
पूर्व भाजपा सांसद ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद मनोज झा के उस बयान को तालिबानी टिप्पणी करार दिया, जिसमें उन्होंने ‘वोट चोरी’ एसआईआर सहित तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार वाले बयान पर कहा था कि लोग चुनाव का बहिष्कार कर सकते हैं, जैसा कि बांग्लादेश में देखने को मिला।
मनोझ झा के इस बयान पर पूर्व भाजपा सांसद सुशील सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियां तालिबानी बयानों जैसी हैं। यह एक संवैधानिक संस्था है और इस तरह की टिप्पणियां इसमें काम करने वाले अधिकारियों का मानसिक उत्पीड़न करने के समान हैं। मैं ऐसे बयानों की निंदा करता हूं।
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