पिछले कुछ महीनों से इजराइल और लेबनान के चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष चल रहा है| इसी तरह मंगलवार को भी हिजबुल्लाह आतंकियों और कुछ अधिकारियों के हजारों पेजर्स पर विस्फोट किया गया था। विस्फोटों में नौ लोगों की मौत हो गई और 2,800 से अधिक लोग घायल हो गए। हिजबुल्लाह ने आरोप लगाया है कि इजरायली खुफिया एजेंसी ने पेजर्स में विस्फोटक छिपाकर रखे थे। इन पेजर्स पर एक मैसेज आया और देखते ही देखते सारे पेजर्स फट गए| ये पेजर ताइवान में गोल्ड अपोलो कंपनी द्वारा विकसित और निर्मित किए गए थे।
इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने पेजर बनाने वाली कंपनी के साथ मिलकर इन पेजर में विस्फोटक रखने की साजिश रची थी| कंपनी ने ये पेजर हिजबुल्लाह को बेचे। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मंगलवार (17 सितंबर) को इन पेजर्स पर एक संदेश प्राप्त हुआ और जैसे ही संदेश देखने के लिए पेजर बटन दबाया गया, पेजर्स में विस्फोट हो गया। हिजबुल्लाह ने कुछ महीने पहले ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी से 5,000 पेजर खरीदे थे। लेकिन इन पेजर्स को इजराइल की मोसाद ने मॉडिफाई किया था| ऐसा करते समय, उन्होंने रिमोट-ट्रिगर तंत्र से लैस इन पेजर में छोटे विस्फोटक रखे, जिन्हें एक संदेश द्वारा सक्रिय किया जा सकता था।
महीनों तक पेजर का उपयोग करने के बाद पेजर में छिपे विस्फोटक न तो पाए गए और न ही हिज़्बुल्लाह के पास उनका पता लगाया गया। इन विस्फोटकों का पारंपरिक स्कैनिंग विधि से पता नहीं लगाया जा सका। विस्फोटकों को मंगलवार को सक्रिय किया गया था| इसके बाद हुए सिलसिलेवार धमाकों में 2800 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं| इस बीच हिजबुल्लाह ने कहा है कि वह इजराइल के इस हमले का जोरदार जवाब देगा|
“इजरायल ने पेजर बनाने वाली कंपनी को पकड़ कर हमले को अंजाम दिया”: क्या इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस हमले को अंजाम दिया या उसने पेजर बनाने वाली कंपनी के साथ मिलकर या नई तकनीक विकसित करके हिजबुल्लाह पर हमला किया? इसे लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं| इस बीच, हिजबुल्लाह ने आरोप लगाया है कि ”हमला इजराइल ने कराया है| उन्होंने यह हमला डिवाइस को हैक करके किया| मोसाद ने हमले को अंजाम देने के लिए पेजर बनाने वाली कंपनी से मिलीभगत की।”
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