27 C
Mumbai
Friday, December 26, 2025
होमराजनीतिपंकज चौधरी संभालेंगे यूपी भाजपा की कमान; पूर्वांचल का दबदबा बरकरार

पंकज चौधरी संभालेंगे यूपी भाजपा की कमान; पूर्वांचल का दबदबा बरकरार

Google News Follow

Related

उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन में एक बार फिर पूर्वांचल का प्रभाव स्पष्ट रूप से सामने आया है। महाराजगंज से सांसद और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी का उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनना तय हो गया है। उन्होंने शनिवार को लखनऊ में औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल किया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके प्रस्तावक रहे। इसके साथ ही राज्य भाजपा को नया अध्यक्ष मिलना लगभग तय हो गया है।

अब तक उत्तर प्रदेश भाजपा में 14 प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं, जिनमें से 11 का संबंध पूर्वांचल क्षेत्र से रहा है। यह आंकड़ा पार्टी संगठन में पूर्वांचल की ऐतिहासिक पकड़ और निरंतर प्रभाव को रेखांकित करता है। पंकज चौधरी के चयन के साथ ही यह सिलसिला आगे बढ़ता दिख रहा है।

भाजपा ने पंकज चौधरी को अध्यक्ष बनाकर कुर्मी समाज पर बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। 2024 के लोकसभा चुनावों में सामने आए PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) समीकरण में समाजवादी पार्टी को मिली बढ़त के पीछे कुर्मी समाज की अहम भूमिका मानी गई। सपा के 7 कुर्मी सांसदों की जीत और राज्यभर में इस वर्ग का झुकाव सपा की ओर रहने से भाजपा के लिए संगठनात्मक चुनौती खड़ी हुई। ऐसे में पार्टी नेतृत्व पंकज चौधरी के जरिए प्रदेशभर में कुर्मी नेतृत्व को मजबूत करने और सामाजिक संतुलन साधने की रणनीति पर आगे बढ़ता दिख रहा है।

उत्तर प्रदेश में कुर्मी समाज मुख्य रूप से तीन भौगोलिक पट्टियों में फैला है, जो पूर्वांचल (मिर्जापुर बेल्ट), बुंदेलखंड-अवध बेल्ट, और बघेलखंड-बरेली बेल्ट है। इन क्षेत्रों में अलग-अलग नेतृत्व उभरता रहा है। भाजपा के पास लंबे समय से समेकित कुर्मी नेतृत्व की कमी मानी जाती रही है, जिसे पंकज चौधरी के माध्यम से भरने की कोशिश की जा रही है।

उत्तर प्रदेश भाजपा के पहले अध्यक्ष माधो प्रसाद त्रिपाठी (बस्ती) रहे। इसके बाद कलराज मिश्रा (पूर्वांचल) दो बार अध्यक्ष बने। वाराणसी में जन्मे राजनाथ सिंह ने 1997 से 2000 तक अध्यक्ष पद संभाला। ओम प्रकाश सिंह (मिर्जापुर), केशरीनाथ त्रिपाठी (प्रयागराज), रमापति राम त्रिपाठी (देवरिया), सूर्य प्रताप शाही (कुशीनगर), केशव प्रसाद मौर्य, महेंद्र नाथ पांडेय (चंदौली), और स्वतंत्र देव सिंह (मिर्जापुर) जैसे नाम इस सूची में शामिल रहे हैं। पूर्वांचल से इतर लक्ष्मीकांत वाजपेयी (मेरठ) और भूपेंद्र सिंह चौधरी अपवाद के रूप में सामने आते हैं।

चौधरी भूपेंद्र सिंह के बाद अब पंकज चौधरी के हाथों में संगठन की कमान होगी। 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले यह नियुक्ति संगठनात्मक मजबूती, सामाजिक संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व तीनों लिहाज से अहम मानी जा रही है। पूर्वांचल के दबदबे के बीच कुर्मी समाज पर केंद्रित यह फैसला, आने वाले राजनीतिक समीकरणों को किस दिशा में ले जाता है, इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।

यह भी पढ़ें:

आसाम सरकार ने आठ और अवैध घुसपैठियों को बांग्लादेश भेजा वापस

आसाम: ISI से संबंधों के आरोप में सेवानिवृत्त वायुसेना अधिकार गिरफ्तार

केरल स्थानीय निकाय चुनाव 2025: भाजपा ने तिरुवनंतपुरम में गाड़ा झंडा, राज्यभर में उभरा UDF

बांद्रा लिंकिंग रोड पर दो लावारिस बैग मिलने से सुरक्षा अलर्ट; 20 मिनट तक हड़कंप

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,574फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
285,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें