बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे पीएम मोदी से उखड़ी हुई नजर आ रही हैं। मंगलवार को बीड जिले के अंबाजोगई में पीएम मोदी के जन्मदिन समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि ‘मोदी जी भी मेरा करियर खत्म नहीं कर सकते’ हालांकि इस बात को लेकर चर्चा अब तक जारी हैं। उन्होंने कहा कि “अगर मैं लोगों के दिलो-दिमाग में रहूं तो मोदी जी भी मेरा राजनीतिक करियर खत्म नहीं कर सकते।” आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस में वंशवाद की राजनीति जारी है। हालांकि, मोदीजी वंशवाद के शासन को खत्म करना चाहते हैं। मैं एक राजनीतिक परिवार से आती हूं, तो मोदीजी भी मेरी सियासी करियर खत्म नहीं कर सकते।’
दरअसल, कई दिनों से चर्चा है कि पंकजा भाजपा से नाराज चल रही हैं। फडणवीस सरकार जाने के बाद पंकजा को उम्मीद थी कि उन्हें विधान परिषद में भेजा जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं अब शिंदे-फडणवीस सरकार आने के बाद भी उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। कयास लगाया जा रहा था कि पंकजा मुंडे शिंदे गुट और भाजपा को अलविदा कह कर राकांपा का दामन थाम सकती हैं। हालांकि पंकजा अपने समर्थकों को समझाकर पार्टी में बनी हुई हैं। साथ ही उन्हें संगठन की कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। हालांकि कभी-कभी दिए गए बयानों से उनका दर्द छलकता रहा है। वहीं कहा जाता है कि वह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कार्यशैली से खफा हैं।
वहीं उनकी नाराजगी का कारण है साल 2019 का चुनाव जहां हार के बाद मुंडे की गतिविधियों के चलते पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया था। परिवार के गढ़ माने जाने वाले पार्टी से हार के बाद उन्होंने आरोप लगाए था कि इसमें भाजपा के अंदरूनी लोगों का हाथ था। उस दौरान राजनितिक गरियारों में चर्चा थी कि भाजपा के अंदर जारी सत्ता की जंग के चलते पंकजा की हार हुई थी, क्योंकि वह खुद को मुख्यमंत्री पद की दावेदार के तौर पर पेश कर रही थीं। हालांकि पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पंकजा की टिप्पणी के संदर्भ पर कहा की किसी भी राष्ट्रीय स्तर के नेता को अपने भाषण में पीएम मोदी का जिक्र करने से बचना चाहिए था।
पंकजा मुंडे ने कहा कि हम राजनीति में बदलाव लाना चाहते हैं। राजनीति में जनहित के फैसले लिए जाते हैं। हालांकि अब राजनीति मनोरंजन का साधन बनती जा रही है। आगे उन्होंने कहा कि राज्य में ग्राम पंचायत और अन्य चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों को लड़ने के लिए लोगों को जाति, धन और प्रभाव से परे हटकर सोचना चाहिए। इन सब बयानों से पंकजा की विचारधार स्पष्ट समझ रही है कि वो फिलहाल बीजेपी गुट से नाराज हैं।
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