संसद का मानसून सत्र गुरुवार (21 अगस्त) को समाप्त होने जा रहा है। 21 जुलाई से शुरू हुआ यह सत्र लगभग एक महीने तक चला। सत्र के अंतिम दिन दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे से पुनः शुरू होगी। पूरे सत्र में विपक्षी दलों के लगातार विरोध-प्रदर्शनों के चलते कार्यवाही कई बार बाधित हुई और स्थगन की नौबत आई।
विपक्ष की मुख्य मांग बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची संशोधन पर विस्तृत चर्चा की रही। विपक्षी दलों ने भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची में हेरफेर की साजिश रची जा रही है। इस मुद्दे पर विपक्ष ने पूरे सत्र में सरकार को घेरने का प्रयास किया।
बुधवार को विपक्ष के जोरदार विरोध के बावजूद लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पारित कर दिया। यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए ढांचे और कड़े नियम तय करता है। इसमें ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक खेल और सोशल गेमिंग को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है, वहीं असली पैसों से जुड़े खेलों—खासतौर पर पोकर जैसे प्लेटफॉर्म—पर सख्त नियंत्रण की बात कही गई है।
सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश किए। इनमें सबसे अहम प्रस्ताव वह है जिसके तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी या हिरासत का सामना करने वाले निर्वाचित प्रतिनिधियों को पद से हटाने का प्रावधान है। प्रस्ताव के अनुसार, अगर कोई प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या किसी राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश का मंत्री न्यूनतम पांच साल की सजा वाले अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन तक उसे इस्तीफा देना अनिवार्य होगा। अनुपालन न करने की स्थिति में स्वतः ही पद से हटाने का प्रावधान होगा।
इसके अलावा शाह ने केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 ऐसे प्रमुख विधेयक पेश किए। इन प्रस्तावों को आगे विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया है, जिसे निर्देश दिया गया है कि वह अपनी रिपोर्ट अगले संसदीय सत्र के पहले दिन तक प्रस्तुत करे।
गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि समिति की बैठकों में विपक्ष को आपत्तियां उठाने और सुझाव देने का पूरा अवसर दिया जाएगा। कुल मिलाकर, मानसून सत्र हंगामेदार रहा, जहां विपक्ष मतदाता सूची के मुद्दे पर सरकार से टकराता दिखा, वहीं सरकार ने कई अहम विधेयक पारित कर अपने इरादे साफ कर दिए।
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