सोमवार (3 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र ने ‘12वें क्षेत्रीय 3आर और एशिया में सर्कुलर इकोनॉमी फोरम’ के प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष लिखित संदेश भेजते हुए कहा कि भारत पी3 (प्रो प्लैनेट पीपुल) दृष्टिकोण को पूरी तरह से अपनाता है और ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ की दिशा में अपनी यात्रा के अनुभवों और सीखों को दुनिया के साथ साझा करने के लिए हमेशा तैयार है। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई अन्य नेता उपस्थित थे।
अपने संदेश में पीएम मोदी ने सस्टेनेबल शहरी विकास और संसाधन दक्षता सुनिश्चित करने में 3आर (रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल) और ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ सिद्धांतों के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने वैश्विक सस्टेनेबिलिटी प्रयासों में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया, जिसमें ‘मिशन लाइफ’ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) और COP26 में घोषित ‘पंचामृत लक्ष्य’ शामिल हैं, जो भारत की नेट-जीरो कार्बन इमीशन के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता दिखाता है।
अपने संबोधन के दौरान मनोहर लाल ने जयपुर को सस्टेनेबिलिटी में अपनी समृद्ध परंपराओं, जैसे वर्षा जल संचयन और पुनर्नवीनीकरण सामग्री से बने हस्तशिल्प के कारण आदर्श स्थल के रूप में प्रस्तुत किया। पीएम मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने ‘सिटीज कोलिशन फॉर सर्कुलरिटी’ (सी-3) की घोषणा की, जो शहरों के बीच सहयोग, ज्ञान साझा करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन है।
मनोहर लाल ने कहा, “हम सुझाव देते हैं कि गठबंधन की संरचना और कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए इस मंच के बाद सदस्य देशों का एक कार्य समूह बनाया जाए।” उन्होंने यह भी कहा, “सर्कुलर इकोनॉमी केवल पर्यावरणीय जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक आर्थिक आवश्यकता भी है।” मंत्री ने भारत के बायो-सीएनजी, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और ई-कचरा पुनर्चक्रण पर फोकस को भी रेखांकित किया, जो कम कार्बन और संसाधन-कुशल समाज की दिशा में सरकार के संकल्प को पुष्टि करता है।
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मनोहर लाल ने यह भी घोषणा की कि मंच ‘जयपुर घोषणा (2025-2034)’ को अपनाएगा, जो संसाधन दक्षता और सस्टेनेबल शहरी विकास की दिशा में अगले दशक के प्रयासों का मार्गदर्शन करेगा।
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