प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर स्थित स्मृति मंदिर का दौरा कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह स्थान भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठन शक्ति के मूल्यों को समर्पित है और लोगों को राष्ट्र सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
पीएम मोदी ने स्मृति मंदिर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) को समर्पित स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने आरएसएस अभ्यागत बुक में अपने विचार लिखते हुए कहा, “परम पूजनीय डॉ. हेडगेवार और पूज्य गुरुजी को शत-शत नमन। इस स्मृति मंदिर में आकर अभिभूत हूं। यह स्थान भारतीय संस्कृति और राष्ट्र सेवा को समर्पित लाखों स्वयंसेवकों के लिए ऊर्जा का स्रोत है। हमें मां भारती का गौरव बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।”
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि यह पहली बार है जब किसी मौजूदा प्रधानमंत्री ने नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया है। इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, वरिष्ठ संघ नेता भैयाजी जोशी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात कर कुछ समय तक चर्चा भी की। इससे पहले, नरेंद्र मोदी ने 2012 में आरएसएस के पूर्व प्रमुख के. सुदर्शन को श्रद्धांजलि देने के लिए रेशिमबाग का दौरा किया था। वहीं, 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने आरएसएस मुख्यालय में बैठक में हिस्सा लिया था।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा को राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि आरएसएस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वैचारिक नींव मानी जाती है। नागपुर स्थित संघ मुख्यालय की यह यात्रा आने वाले आम चुनावों के परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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