लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट में बोले पीएम मोदी – ‘मेरी ताकत 140 करोड़ देशवासी और हजारों साल की समृद्ध परंपरा’

जब मैं विश्व के नेताओं से मिलता हूं, तो मोदी हाथ नहीं मिलाता, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की ताकत उनसे हाथ मिलाती है।

लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट में बोले पीएम मोदी – ‘मेरी ताकत 140 करोड़ देशवासी और हजारों साल की समृद्ध परंपरा’

PM Modi said in Lex Fridman podcast – 'My strength is 140 crore countrymen and thousands of years of rich tradition'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक विशेष इंटरव्यू में भारत की सांस्कृतिक विरासत, विश्व शांति, पाकिस्तान के साथ संबंधों और अपने जीवन के संघर्षों पर खुलकर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी ताकत किसी व्यक्ति विशेष में नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों और देश की हजारों साल पुरानी समृद्ध परंपरा में निहित है।

“मेरी ताकत मोदी नहीं है, मेरी ताकत 140 करोड़ देशवासी हैं। जब मैं विश्व के नेताओं से मिलता हूं, तो मोदी हाथ नहीं मिलाता, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की ताकत उनसे हाथ मिलाती है। मैं जहां भी जाता हूं, अपने साथ भारत की वैदिक परंपरा, स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं और करोड़ों भारतीयों के आशीर्वाद को लेकर जाता हूं।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की शांति प्रिय नीति पर जोर देते हुए कहा कि देश संघर्ष का नहीं, बल्कि सद्भाव और समन्वय का पक्षधर है।”हम न तो राष्ट्रों के बीच टकराव चाहते हैं और न ही प्रकृति के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते हैं। भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है, इसलिए जब भी हम शांति की बात करते हैं, दुनिया हमारी बात सुनती है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर भी खुलकर चर्चा की और बताया कि उन्होंने शांति की राह अपनाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन हर बार विश्वासघात का सामना करना पड़ा।”जब मैंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तो पाकिस्तान को विशेष रूप से आमंत्रित किया ताकि एक नई शुरुआत हो सके। लेकिन हर बार शांति के प्रयासों का जवाब दुश्मनी से मिला। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि मिले और वह शांति का रास्ता चुने।”

पीएम मोदी ने अपने संघर्षपूर्ण बचपन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने गरीबी को कभी अभाव के रूप में नहीं देखा, बल्कि इसे जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा माना। “जो व्यक्ति बढ़िया जूते पहनने का आदी है, उसे उनकी कमी महसूस होगी। लेकिन हमने कभी जूते नहीं पहने थे, तो हमें यह पता ही नहीं था कि यह कोई बड़ी बात है।”

जब पीएम मोदी से पूछा गया कि वे अपनी आलोचनाओं को कैसे हैंडल करते हैं, तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे आलोचना का स्वागत करते हैं। “आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है। मैं सभी युवाओं को बताना चाहता हूं कि चाहे रात कितनी भी अंधेरी क्यों न हो, सुबह होनी तय है।” पीएम मोदी के इस पॉडकास्ट इंटरव्यू ने दुनियाभर में चर्चा बटोरी है और भारतीय संस्कृति, लोकतंत्र और शांति की नीति को एक नए वैश्विक मंच पर रखा है।

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