संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (21 जुलाई) को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की जोरदार सराहना की और इसे भारत की सैन्य ताकत और संप्रभुता की शानदार अभिव्यक्ति बताया। इसके साथ ही उन्होंने विंग कमांडर शुभांशु शुक्ल के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने को “हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण” बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों को केवल 22 मिनट में तबाह कर दिया। उन्होंने कहा, “आतंकियों के आकाओं के घरों को जमींदोज कर दिया गया। पूरी दुनिया ‘मेड इन इंडिया’ सैन्य ताकत के इस नए रूप को देखकर चकित है।” उन्होंने यह भी कहा कि आज दुनिया भर में भारत में बने हथियारों और सैन्य प्रौद्योगिकी की मांग तेजी से बढ़ रही है, और यह आत्मनिर्भर भारत के विजन को मजबूती दे रहा है।
#WATCH | Delhi: PM Modi says, "Under Operation Sindoor, the houses of the masters of terrorists were razed to the ground within 22 minutes. The world has been very attracted to this new form of Made in India military power. These days, whenever I meet people of the world, the… pic.twitter.com/basKUxcBtO
— ANI (@ANI) July 21, 2025
पीएम मोदी ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ल के ISS पर पहुंचने को हर भारतीय के लिए प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा, “इस मानसून सत्र की शुरुआत एक विजय उत्सव जैसी है। अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का झंडा फहराना हमारे लिए गर्व की बात है। यह भविष्य के मिशनों के लिए एक प्रेरणा बन जाएगा।” प्रधानमंत्री ने मानसून की प्रगति पर संतोष जताया और कहा कि इस बार की बारिश कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और हर परिवार की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत लेकर आई है। उन्होंने कहा “यह सृजन और नवाचार का प्रतीक है, और अब तक के आंकड़ों के अनुसार, देश में अच्छी बारिश हो रही है।”
हालांकि संसद का मानसून सत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के लिए विजय उत्सव की तरह शुरू हो रहा है, लेकिन विपक्षी गठबंधन INDIA इसे एक तूफानी और तीखी बहस वाले सत्र में तब्दील करने की तैयारी में है। विपक्ष की रणनीति स्पष्ट रूप से सरकार को कई संवेदनशील मुद्दों पर घेरने की है, जिनमें सबसे प्रमुख है पहलगाम आतंकी हमला, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई।
विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर की जवाबदेही भी तय करना चाहता है, खासकर इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए शांति-बंधनों के दावों को लेकर सवाल उठ सकते हैं। बिहार में चल रहा Special Intensive Revision (SIR) कार्यक्रम और Air India 171 विमान दुर्घटना भी विपक्ष की सूची में हैं, जिन पर बहस और जवाबदेही की मांग की जाएगी। इन मुद्दों के जरिए विपक्ष मानसून सत्र को केवल उत्सव नहीं, बल्कि गंभीर लोकतांत्रिक परीक्षण का मंच बनाने की दिशा में बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान और हाल की उपलब्धियों से साफ है कि सरकार इस सत्र को राष्ट्रवादी गौरव और तकनीकी आत्मनिर्भरता की भावना से भरपूर दिखाना चाहती है। वहीं विपक्ष इन मुद्दों पर बहस और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। संसद के इस मानसून सत्र में टकराव और उपलब्धियों का अनोखा संगम देखने को मिल सकता है।
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