प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नागपुर पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी। यह दौरा गुड़ी पड़वा के अवसर पर हुआ, जिसे महाराष्ट्र में पारंपरिक नववर्ष के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नागपुर के रेशिमबाग स्थित स्मृति मंदिर का दौरा किया, जहां वे हेडगेवार की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उनके साथ राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी मौजूद रहे। यह पहली बार है जब कोई मौजूदा प्रधानमंत्री नागपुर स्थित संघ मुख्यालय का दौरा कर रहे हैं, जिससे इस कार्यक्रम को विशेष महत्व मिल रहा है।
इस दौरे को राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले हो रहा है। भाजपा अप्रैल के पहले सप्ताह में अपना नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी कर रही है और 18 अप्रैल को बेंगलुरु में राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी संभावित है। पार्टी अध्यक्ष के चयन में आरएसएस की अहम भूमिका मानी जाती रही है, ऐसे में मोदी का संघ मुख्यालय आना खास संकेत दे रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे के दौरान नागपुर में माधव नेत्रालय नामक अत्याधुनिक नेत्र अस्पताल और अनुसंधान संस्थान की आधारशिला भी रखेंगे। इसके अलावा वे एक अस्पताल के विस्तार भवन का शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी और सरसंघचालक मोहन भागवत की आमने-सामने मुलाकात काफी लंबे समय बाद हो रही है। इससे पहले दोनों की आखिरी सार्वजनिक मुलाकात अयोध्या के राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के समय हुई थी।
यह भी पढ़ें:
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग वाकई वजन घटाने में कारगर है या सिर्फ एक ट्रेंड?
Adventure Travel: भारत के सबसे रोमांचक ट्रेकिंग डेस्टिनेशन
रविवार(30मार्च) के इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आचार्य गोविंद गिरी महाराज, अवधेशानंद महाराज, और नागपुर के संरक्षक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले सहित कई गणमान्य हस्तियां भी मौजूद रहेंगी।
राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात को भाजपा और संघ के बीच संबंधों को मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है। हाल के दिनों में दोनों संगठनों के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद की खबरें चलाई गई थीं, ऐसे में इस दौरे को संघ और भाजपा के रिश्तों को नया आयाम देने की अटकलें लगाई जा रहीं है।