राजनीतिक पार्टियों में चुनावी सुर बजने लगे हैं। इसलिए सभी राजनीतिक दल इसकी तैयारी में जुट गए हैं। इस चुनाव को भाजपा और शिंदे ग्रुप मिलकर लड़ेंगे| हर कोई इस बात को लेकर उत्सुक है कि शिंदे गुट को कितनी सीटें मिलेंगी। इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने घोषणा की है कि वह राज्य में विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 240 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उस समय उत्साह था। अब शिंदे गुट की बैठक हुई। इसमें कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा जाए, इसे लेकर फैसला हो चुका है।
क्या हुआ फैसला: बुधवार को शिवसेना सांसदों की बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव पर चर्चा हुई। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी-शिवसेना सीट बंटवारे के फॉर्मूले के मुताबिक इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई कि शिवसेना 48 में से 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी|बैठक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास पर हुई। सांसद गजानन कीर्तिकर ने इस बैठक के बाद यह जानकारी दी।
उन सभी सांसदों की उम्मीदवारी उद्धव ठाकरे से अलग होकर शिंदे गुट में शामिल होने वाले तेरह सांसदों की उम्मीदवारी जारी रहेगी| हालांकि, शेष पांच सीटें और अन्य चार अर्थात् रायगढ़, शिरूर, औरंगाबाद और अमरावती, जो तत्कालीन शिवसेना से हार गए थे, स्पष्ट रूप से हमारा दावा होगा, कीर्तिकर ने कहा। बैठक में 13 में से करीब 10 सांसदों ने हिस्सा लिया।
महाविकास अघाड़ी में विवाद महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे के फार्मूले को लेकर विवाद है| वहीं, महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा-शिवसेना गठबंधन में अपनी स्वाभाविक दावेदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुट भी कमर कस चुका है। भाजपा की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है|
महाविकास अघाड़ी के सीट आवंटन का फॉर्मूला अभी तय होना बाकी है। लेकिन संजय राउत ने समझाया कि राज्य में हमारे 18 सांसद होंगे| हम महाविकास अघाड़ी की घटक पार्टी हैं। मोर्चे को मजबूत रखना है। लेकिन ऐसा करते हुए महाविकास अघाड़ी में आपको तभी महत्व दिया जाएगा, जब आपके पास ज्यादा ताकत होगी, ऐसा अजित पवार ने कांग्रेस से कहा| कांग्रेस की ओर से जवाब दिया गया। यानी महाविकास अघाड़ी में तीनों दलों के नेता अलग-अलग पदों की घोषणा कर रहे थे|
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