बारामती में राजनीतिक हलचल तेज: सुप्रिया सुले CM और योगेंद्र पवार MLA के लगे बैनर!

भावी मुख्यमंत्री के तौर पर सुप्रिया सुले और विधायक के तौर पर युगेंद्र पवार ने बारामती में बैनर लगाए हैं|

बारामती में राजनीतिक हलचल तेज: सुप्रिया सुले CM और योगेंद्र पवार MLA के लगे बैनर!

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आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां कमर कस रही हैं| उम्मीदवार की घोषणा के बाद से ही इस बात की चर्चा चल रही है कि हमारा भावी मुख्यमंत्री कौन होगा| प्रत्याशियों के चयन के साथ ही दौरों और बैठकों का दौर शुरू हो जाता है। इस बीच बारामती में लगे बैनर को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है| भावी मुख्यमंत्री के तौर पर सुप्रिया सुले और विधायक के तौर पर युगेंद्र पवार ने बारामती में बैनर लगाए हैं|विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले भी बारामती में इस तरह का बैनर लगाया गया था, जिसे लेकर राजनीतिक चर्चा छिड़ गई है|

बारामती में एनसीपी के शरद चंद्र पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले को भावी मुख्यमंत्री और युवा नेता योगेंद्र पवार को भावी विधायक के बैनर लगे हैं| बारामती के गुणावाड़ी चौक पर फुल एंड फाइनल ग्रुप की ओर से ऐसे कंटेंट वाले बोर्ड लगाए गए हैं| ये बैनर ईद-ए-मिलादुन्नबी के मौके पर लगाए गए हैं| बारामती में सुप्रिया सुले और युगेंद्र पवार के बैनर सबका ध्यान खींच रहे हैं|

सूत्रों के मुताबिक, आगामी विधानसभा चुनाव में अजित पवार को बारामती विधानसभा सीट पर अपने भतीजे युगेंद्र पवार के सामने चुनाव लड़ना पड़ सकता है। युगेंद्र पवार शरद पवार के पोते हैं। अजित पवार 1991 से लगातार सात बार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं लेकिन इस लोकसभा चुनाव में युगेंद्र पवार ने सुप्रिया सुले के चुनाव प्रचार में काफी मेहनत की और सुप्रिया सुले ने सुनेत्रा पवार के खिलाफ बड़ी लीड हासिल की थी।

सुप्रिया सुले की जीत से उत्साहित शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के कई कार्यकर्ताओं ने शरद पवार से कहा है कि वह युगेंद्र पवार को विधानसभा चुनाव में अजित के खिलाफ मैदान में उतारें। इसके बाद से ही इस बात का डर पैदा हो गया है कि पवार परिवार में एक और चुनावी मुकाबला हो सकता है लेकिन अजित पवार ने बारामती से अपनी पत्नी को उतारने को लेकर माफी मांगने के बाद गेंद शरद पवार के खाते में डाल दी है।

शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के एक नेता ने कहा कि अब इस बारे में शरद पवार को फैसला लेना होगा कि क्या वह परिवार के भीतर एक और चुनावी लड़ाई होने की इजाजत देंगे?

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