प्रकाश अंबेडकर ​ने​ मनोज जरांगे के पक्ष में कहा, ‘समुदायों को आपस में भिड़ाने के लिए…’!

दूसरी ओर, वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने मराठा आरक्षण की मनोज जारांगे पाटिल की मांग का समर्थन किया है। अंबेडकर ने यह भी कहा, मराठों को संविधान के दायरे में आरक्षण दिया जा सकता है। ओबीसी की मांग है कि उन्हें अलग​ से आरक्षण मिलनी चाहिए, वहीं मराठा समुदाय की मांग है कि उन्हें भी अलग ​से​ आरक्षण मिलनी चाहिए|

प्रकाश अंबेडकर ​ने​ मनोज जरांगे के पक्ष में कहा, ‘समुदायों को आपस में भिड़ाने के लिए…’!

Prakash Ambedkar said in favor of Manoj Jarange, 'To pit the communities against each other...'!

राज्य में मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है|मराठा क्रांति मोर्चा के संयोजक मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार को दो महीने की समय दी है|दूसरी ओर,राज्य सरकार ने उन परिवारों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया है जिनके पास राज्य में पिछली दो-तीन पीढ़ियों का कुनबी रिकॉर्ड है।

इसलिए, इन मराठा परिवारों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र के साथ ओबीसी आरक्षण में शामिल किया जाएगा। इसलिए राज्य में ओबीसी नेताओं ने इसका विरोध किया है| राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल सबसे आगे हैं। पिछले कुछ दिनों से राज्य में छगन भुजबल और मनोज जारांगे पाटिल के बीच संघर्ष चल रहा है|
मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे पाटिल राज्यव्यापी दौरे पर हैं|वे पूरे राज्य में मार्च निकाल रहे हैं, श्रृंखलाबद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जारांगे की सभाओं में लाखों लोग जुटते हैं|इसलिए, मनोज जारांगे पाटिल को चुनौती देने के लिए,छगन भुजबल के साथ राज्य के ओबीसी नेताओं ने जालनाया के अंबाद में ओबीसी एल्गर मार्च निकाला।मार्च के बाद ओबीसी एल्गर ने सभा को संबोधित किया|इस समय छगन भुजबल ने मनोज जारांगे पाटिल की कड़ी आलोचना की|
एक तरफ जहां राज्य में ओबीसी नेता मनोज जारांगे पाटिल की मांग का विरोध कर रहे हैं| दूसरी ओर, वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने मराठा आरक्षण की मनोज जारांगे पाटिल की मांग का समर्थन किया है। अंबेडकर ने यह भी कहा, मराठों को संविधान के दायरे में आरक्षण दिया जा सकता है। ओबीसी की मांग है कि उन्हें अलग​ से आरक्षण मिलनी चाहिए, वहीं मराठा समुदाय की मांग है कि उन्हें भी अलग से​ आरक्षण मिलनी चाहिए| मुझे लगता है कि हम संविधान के दायरे में रहकर उनकी मांग पूरी कर सकते हैं|दो समाजों के टकराव का कारण क्या है?
प्रकाश अंबेडकर ने कहा, जरांगे पाटिल ने जलनाया गांव से आंदोलन शुरू किया|छगन उसी जालना के अंबाद तालुका के पास गए। भुजबल जरांगे को चुनौती देने के लिए वहां गए थे| मेरा मतलब है, राजनीति में एक-दूसरे को चुनौती क्यों दें? हम इसी मिट्टी में रहे हैं और इसी मिट्टी में एक साथ रहेंगे। प्रत्येक प्रश्न को घटना के दायरे में रहकर ही हल किया जा सकता है। हमारी कानूनी सलाहकार टीम ने कहा है कि संविधान के दायरे में किसी का आरक्षण छीने बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जा सकता है।
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