पुतिन ने दी परमाणु युद्ध की धमकी, यूक्रेन हमले के बाद भड़के लोग!

किसी परमाणु-हथियार संपन्न देश की मदद से किसी गैर-परमाणु-हथियार वाले देश द्वारा रूसी क्षेत्र पर मिसाइल हमले को परमाणु हमला माना जाएगा और इसका जवाब परमाणु हथियारों से दिया जाएगा, पुतिन ने दी ऐसी धमकी|

पुतिन ने दी परमाणु युद्ध की धमकी, यूक्रेन हमले के बाद भड़के लोग!

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिम को परमाणु हथियारों की धमकी दी। रॉयटर्स के मुताबिक पुतिन ने बुधवार को राजधानी मॉस्को में सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई|उन्होंने इस बैठक में यह भी कहा कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से जुड़े नियम और शर्तों में बदलाव किया जाएगा|यूक्रेन को पश्चिम से क्रूज़ मिसाइलों की आपूर्ति प्राप्त हुई है।

इसके इस्तेमाल से रूस पर लंबी दूरी से मिसाइल दागी जा सकती है| इसकी समीक्षा करने के बाद पुतिन ने एक जरूरी बैठक की| किसी परमाणु-हथियार संपन्न देश की मदद से किसी गैर-परमाणु-हथियार वाले देश द्वारा रूसी क्षेत्र पर मिसाइल हमले को परमाणु हमला माना जाएगा और इसका जवाब परमाणु हथियारों से दिया जाएगा, पुतिन ने दी ऐसी धमकी|

रूस की परमाणु नीति में बदलाव की घोषणा से अमेरिका और यूरोपीय देशों के लिए शर्मिंदगी पैदा होने की संभावना है। क्या यूक्रेन को रूस पर मिसाइल लॉन्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं? ऐसा सवाल अब इन देशों के सामने खड़ा है| पुतिन ने सुरक्षा सलाहकार बैठक में कहा, विश्व मंच पर स्थिति तेजी से बदल रही है और रूस के लिए नए खतरों को देखते हुए परमाणु नीति में बदलाव जरूरी है।

रूस ने 2020 में परमाणु सिद्धांत लागू किया। सिद्धांत में कहा गया है कि अगर रूस के अस्तित्व को खतरा हो तो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। 71 साल के पुतिन अब उस सिद्धांत को बदलना चाहते हैं। पुतिन ने कहा, “परमाणु हथियार संपन्न देश की मदद या समर्थन से किसी भी गैर-परमाणु-हथियार वाले देश द्वारा रूसी संघ पर किए गए हमले को रूस पर संयुक्त हमला माना जाना चाहिए।”

अमेरिकी दबाव के बावजूद इजरायल लेबनान पर हमला करने पर अड़ा है: यूक्रेन-रूस युद्ध ने जहां यूरोप में तनाव बढ़ा दिया है, वहीं मध्य एशिया में संघर्ष भड़क गया है। इजरायल ने लेबनान पर जमीनी हमले की तैयारी शुरू कर दी है| अमेरिका और सहयोगी देशों के मना करने के बाद भी प्रधानमंत्री इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं हैं| अमेरिका ने सुझाव दिया था कि इजराइल 21 दिन का युद्ध विराम घोषित कर दे|

नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अमेरिकी प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।” इजरायली सेना को भी हिजबुल्लाह पर पूरी ताकत से हमला करने का आदेश दिया गया है|

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