राहुल गांधी को Bollywoodऔर Miss India में नहीं मिल रहे दलित, ओबीसी और आदिवासी !

राहुल गांधी पिछले एक देढ़ साल से जाती और जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर देशभर घूमते नजर आते है। कभी उन्हें पत्रकारों को जाती पूछने की इच्छा होती है, तो कभी उनके मन में राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा में कितने दलित और आदिवसी थे ऐसे सवाल घूमते है।

राहुल गांधी को Bollywoodऔर Miss India में नहीं मिल रहे दलित, ओबीसी और आदिवासी !

Rahul Gandhi is not getting Dalits, OBCs and tribals in Bollywood and Miss India!

रायबरेली के सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी अपने प्रयागराज दौरे के दौरान संविधान सम्मेलन में थे। जहां उन्होंने फिर एक बार जाती जनगणना को लेकर मुद्दा छेड़ दिया। राहुल गांधी ने भारत में दलितों और पिछड़ो को अवसर न मिलने की बात की। इस मुद्दे को नया एंगल देते हुए राहुल गांधी ने कहा उन्हें भारत के सबसे उभरते और यशस्वी क्षेत्र बॉलीवुड में दलित, ओबीसी, या आदिवासी नहीं मिल रहें है। राहुल गांधी के इस भाषण के बाद राजनीती में नेताओं को खींचतान के लिए एक और मुद्दा भी मिल गया है।

राहुल गांधी पिछले एक देढ़ साल से जाती और जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर देशभर घूमते नजर आते है। कभी उन्हें पत्रकारों को जाती पूछने की इच्छा होती है, तो कभी उनके मन में राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा में कितने दलित और आदिवसी थे ऐसे सवाल घूमते है। कुछ सप्ताह पहले राहुल गांधी ने भरी संसद में बजट सत्र के प्रश्न के दौरान बजट बनाकर हलवा खाते अफसरों की तस्वीर दिखते हुए उनकी जाती पूछ ली थी। जिसके बाद उन्होंने फिर एक बाद देश में जाती जनगणना की मांग भी की थी।

इस बार प्रयागराज के सविंधान सम्मान सम्मलेन में राहुल गांधी ने ‘बॉलीवुड’ और ‘मिस इंडिया’ में देश की 90 प्रतिशत जनसंख्या दलित, ओबीसी, आदिवासी और अल्पसंख्यक होने और उसे अवसर न मिलने की बात की। उन्होंने ने स्पष्ट रूप से कहा “90 फीसदी लोग सिस्टम का हिस्सा नहीं हैं। अल्पसंख्यक भी इसी में आते हैं. मैंने मिस इंडिया की लिस्ट निकाली। मुझे लगा इसमें तो एक दलित, आदिवासी महिला तो होगी, लेकिन नहीं उस लिस्ट में न दलित है, न आदिवासी है, न ओबीसी है।”

उन्होंने कहा, “90 फीसदी लोग सिस्टम का हिस्सा नहीं हैं. उनके पास हर तरह की प्रतिभा मौजूद है, लेकिन फिर भी वे सिस्टम से जुड़े नहीं हैं। यही कारण है कि हम जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं. बीजेपी कह रही है कि वे जाति जनगणना कराएंगे और इसमें ओबीसी वर्ग को शामिल करेंगे। पहली बात तो यह कि जातिगत जनगणना में ओबीसी का जिक्र करना ही काफी नहीं है.”

साथ ही अपनी जाती जनगणना की निति को स्पष्ट करते हुए कहा, “हमारे लिए जाति जनगणना सिर्फ जनगणना नहीं है, यह नीति निर्माण का आधार है। यह समझना भी जरूरी है कि धन का वितरण कैसे हो रहा है। यह पता लगाना भी जरूरी है कि नौकरशाही, न्यायपालिका, मीडिया में ओबीसी, दलितों, श्रमिकों की भागीदारी कितनी है।”

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