कर्नाटक में कांग्रेस को बंपर जीत मिली है|कर्नाटक में सत्ता में रहते हुए भी भाजपा को बड़ी हार स्वीकार करनी पड़ी है| साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर भाजपा के कई मंत्री कर्नाटक में डेरा डाले हुए थे| हालांकि, उन्हें लोगों ने नकार दिया था। इसलिए कांग्रेस में जश्न का माहौल है| विरोधियों ने भी खुशी जाहिर की है।
सभी राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया दी है कि यह कांग्रेस की एक बड़ी सफलता है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि यह उस प्रवृत्ति की हार है जो यह सोचती है कि यह कांग्रेस की सफलता है और हमें कोई झुका नहीं सकता| राज ठाकरे अंबरनाथ के दौरे पर हैं। इस मौके पर उन्होंने मीडिया से बातचीत की।
एक बार मैंने अपने भाषण में कहा था कि विपक्षी दल कभी जीतता नहीं है। शासक हार जाते हैं। यह प्रकृति और व्यवहार की हार है। हमें कौन झुका सकता है? ऐसी प्रवृत्ति पराजयवादी होती है। सबक यह है कि जनता को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। भाजपा का नाम लिए बगैर राज ठाकरे ने कहा कि सभी को इससे सबक लेना चाहिए|
अब कैसे बताएं?: क्या आपको लगता है कि कर्नाटक का नतीजा महाराष्ट्र में बदलाव का संकेत है? राज ठाकरे ने इसका सीधा जवाब नहीं दिया। अब आप क्या कह सकते हैं? अब कर्नाटक का रिजल्ट आ गया है। आगे कैसे और क्या होता है यह देखना बाकी है। इसलिए, कर्नाटक के परिणाम के आधार पर महाराष्ट्र पर टिप्पणी करना संभव नहीं है।
क्या मैं ज्योतिषी हूं?: भारत जोड़ो यात्रा का कर्नाटक की जीत पर स्पष्ट प्रभाव पड़ा है। यहां तक कि आपके बॉस जब खबर दबा रहे हैं, तब भी भारत जोड़ो यात्रा का असर दिखाई दे रहा है। आप इससे कितना भी इनकार करें, भारत जोड़ो यात्रा का इस परिणाम पर असर पड़ता है। लेकिन यह पता नहीं है कि यह प्रभाव जारी रहेगा या नहीं। क्या मैं ऐसा कहने वाला ज्योतिषी हूं?
इसे बढ़ा-चढ़ाकर नहीं कहना चाहिए: सुबह-सुबह शपथ ग्रहण ठाकरे गुट के लिए एक झटका था। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि ठाकरे गुट को सबक सिखाने के लिए यह शपथ ग्रहण समारोह था| इसके बारे में पूछे जाने पर आपने गलती की। किसी को सबक मत सिखाओ। तुमने ये काम किए। उसके बाद महाराष्ट्र की ये राजनीति हुई| राज ने मुनगंटीवार को फटकार लगाते हुए कहा, “ज़्यादा मत करो।
5 जून को वर्कशॉप : मनसे के पदाधिकारियों की वर्कशॉप 5 जून से ठाणे जिले के हर शहर में शुरू होगी| पदाधिकारियों को कार्यक्रम दिया जाएगा। आइए देखें कि एक महीने में क्या काम करता है। पद तो बहुत हैं, लेकिन पदाधिकारियों को नहीं पता कि उनके पद क्या हैं। उन्हें बताया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें उसी के अनुसार काम पर लगाया जाएगा।
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