लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव की बयार बहने लगी है|राज्य में महायुति बनाम महाविकास अघाड़ी का खेल होने जा रहा है और सभी राजनीतिक दलों ने विधानसभा की जोरदार तैयारी कर ली है| अगले कुछ दिनों में आचार संहिता आने की संभावना है|इस बीच केंद्रीय मंत्री और आरपीआई अठावले गुट के नेता रामदास अठावले ने सतारा में बड़ा बयान दिया है|
प्रकाश अंबेडकर को आरपीआई के साथ आना चाहिए| मैं आरपीआई का नेतृत्व छोड़ने को तैयार हूं| रामदास अठावले ने अपील की कि प्रकाश अंबेडकर वंचित बहुजन अघाड़ी को भंग कर आरपीआई का नेतृत्व संभालें, हम उनके नेतृत्व में काम करेंगे| इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा छिड़ गई है| अब रामदास अठावले के बयान के बाद प्रकाश अंबेडकर असल में क्या जवाब देंगे? इस पर सभी का ध्यान है|
महागठबंधन में हमें हल्के में न लें: रामदास अठावले ने मांग की है कि आगामी विधानसभा चुनाव में आरपीआई को 8 से 10 सीटें मिलें| उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि राज्य में महायुति की 170 से ज्यादा सीटों पर चुनाव होंगे| रामदास अठावले ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर राज्य में महागठबंधन में तीन प्रमुख दल हैं, तो हमें हल्के में न लें।
रामदास अठावले ने भी तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार उनके साथ आती है जिनके साथ मैं होता हूं, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया है कि वह समान नागरिक कानून लाएंगे|रामदास अठावले ने भी इच्छा जताई है कि एक समान नागरिक कानून होना चाहिए|
राज ठाकरे को न लें: इस बीच कुछ दिन पहले रामदास अठावले ने बयान दिया था कि महायुति को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को नहीं लेना चाहिए क्योंकि वह मेरे साथ हैं|राज ठाकरे महागठबंधन के किसी काम के नहीं हैं|अजित पवार ने महागठबंधन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है|अजित पवार के पास भी लोकसभा की 17 सीटों पर हिस्सेदारी है,लेकिन राज ठाकरे को अपने साथ मत ले जाओ”, उन्होंने कहा था।
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