मुंबई। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बृहन्मुम्बई नगर निगम (बीएमसी ) के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया (ए ) (आरपीआई ) के साथ गठबंधन करने की बात कही है। आठवले ने कहा कि है कि अगर बीजेपी और आरपीआई बीएमसी चुनाव एक साथ मिलकर लड़ते हैं तो जीत तय है। वहीं दूसरी ओर यह संभावना जताई जा रही है कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल कांग्रेस ,शिवसेना और एनसीपी अलग-अलग चुनाव लड़ सकती हैं।
2017 के मुंबई निगम चुनाव में भाजपा-आरपीआई गठबंधन ने 82 सीटें मिली थी, जबकि सत्तारूढ़ शिवसेना ने 84 सीटें जीती थी। अगला बीएमसी चुनाव फरवरी 2022 में होने वाला है।बीएमसी चुनावों में संभावित जीत के बाद मुंबई के मेयर की नियुक्ति पर बोलते हुए अठावले ने कहा, “जब हम (बीएमसी चुनावों में) सत्ता में आते हैं, तो मुंबई में डिप्टी मेयर आरपीआई से होंगे।” मुंबई में एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैंने कई मौकों पर आरपीआई के सभी गुटों को एकजुट करने की कोशिश की है। यहां तक कि किसी और को आरपीआई अध्यक्ष बनाने की पेशकश की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
I think Shiv Sena, Congres & NCP will contest independently in BMC polls. In such situation, if BJP contests with RPI under an alliance, then there's full possibility of us coming to power. Last time too BJP-RPI alliance got 82 seats & Shiv Sena won 84: Union Min Ramdas Athawale pic.twitter.com/6nswPUEWl0
— ANI (@ANI) November 6, 2021
मैं बालासाहेब अंबेडकर के नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार हूं और यह मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं।” लगभग 37,000 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट के साथ बीएमसी (BMC) को एशिया का सबसे अमीर नागरिक निकाय माना जाता है। जब राज्य में राकांपा-कांग्रेस सत्ता में थी तब भी शिवसेना नगर निकाय चुनावों में एक मजबूत ताकत रही है। 2017 के निकाय चुनावों में भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, क्योंकि वे सीट बंटवारे के फार्मूले से सहमत नहीं हो सके थे।राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पिछली बार जिस तरह से बीजेपी ने शिवसेना को टक्कर दी थी अगर इस बार बीजेपी आरपीआई के साथ गठबंधन कर बीएमसी का चुनाव लड़ती है तो शिवसेना की राह आसान नहीं होगी।