महाराष्ट्र में बीते समय से कई राजनीतिक विवाद देखने मिला। जिसमें शिंदे के बगावत से लेकर शिवसेना के नाम और चिन्ह पर अधिकार, पूर्व राज्यपाल का विवादित बयान शामिल है। वहीं इन सब के बीच शुक्रवार को चुनाव आयोग ने शिंदे और उद्धव गुट के बीच चल रहे विवाद को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। जिससे उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने आदेश दिया है कि पार्टी का चुनाव चिह्न धनुष बाण शिंदे गुट का रहेगा। अब पार्टी के नाम पर भी शिंदे गुट का ही हक हो गया है, फैसला आने के बाद एकनाथ शिंदे ने इसे पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं की जीत बताया है।
तो वहीं शनिवार 18 फरवरी को रायपुर से सात बार सांसद रहे रमेश बैस ने महाराष्ट्र के 22वें राज्यपाल के तौर पर मुंबई के राजभवन में आयोजित समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली। बॉम्बे उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है। शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मौजूद थे। शपथ ग्रहण करने के बाद बैस ने अपना पदभार संभाल लिया। इससे पहले रमेश बैस को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित वहां के राजनेताओं ने रांची से विदा किया था। झारखंड पुलिस ने रांची हवाई अड्डे पर बैस को गार्ड ऑफ ऑनर दिया था।
बता दें, 12 फरवरी को भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दिया था। उसी दिन कई राज्यों के राज्यपालों को बदला गया, जबकि कई के क्षेत्र में फेरबदल कर दिया गया। वहीं शुक्रवार को कोश्यारी को मुंबई राजभवन से विदाई दी गई। इस मौके पर राजभवन के स्टाफ और उनके परिजनों की पलकें भीगी हुई थीं। राजभवन के स्टाफ की ओर से गुरुवार को उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन जाकर उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद नौसेना ने गार्ड ऑफ आनर दिया।
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