जम्मू-कश्मीर में प्रतिनिधित्व पाने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए एक सीट आरक्षित की गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि देश भर में जम्मू-कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए दो सीटें आरक्षित की गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बोलते हुए बड़ा ऐलान किया है| पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जम्मू और कश्मीर की विधान सभा में एक सीट आरक्षित की गई है। साथ ही जम्मू-कश्मीर के विस्थापित नागरिकों के लिए दो सीटें आरक्षित की गई हैं| तीन सीटों में से एक सीट महिला होनी चाहिए। अमित शाह ने यह घोषणा लोकसभा में दो विधेयकों “जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक” और “जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक” पर चर्चा के बाद की।
अमित शाह ने क्या कहा?: जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद क्या हुआ? यही वह प्रश्न है जो लोग पूछ रहे थे। हम उनको बताना चाहते हैं, जिनकी आवाज पिछले 70 साल में नहीं सुनी गई| उनकी आवाज़ को सुनने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने निर्णय लिया और 5 और 6 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटा दिया। उसके बाद आज हमने जम्मू-कश्मीर के विस्थापित नागरिकों को उनका अधिकार देने का प्रयास किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बोलते हुए घोषणा की, “जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक” और “जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक” आज लोकसभा में उन सभी को न्याय देगा।
पाकिस्तान के साथ तीन युद्ध और हजारों नागरिक विस्थापित: अपने भाषण में अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से 46 हजार 631 परिवार और 1,57,968 लोग विस्थापित हुए| यह बिल उन लोगों को सही प्रतिनिधित्व की गारंटी देता है| कश्मीर में तीन युद्ध लड़े गए। ये युद्ध हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर कर देंगे। इसके अलावा 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध हुए| तीनों युद्धों में जम्मू-कश्मीर में 41,844 लोग विस्थापित हुए। जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक से हमने दोनों क्षेत्रों के विस्थापितों को अधिकार दिया है|
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर बात करते हुए अमित शाह ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में सीटों का भी पुनर्गठन किया गया है| जम्मू में पहले 37 सीटें थीं, अब इसे बढ़ाकर 43 कर दिया गया है,जबकि कश्मीर में 46 सीटों को बढ़ाकर 47 कर दिया गया है|
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से 24 सीटें आरक्षित की गई हैं| पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 107 सीटें थीं। अब ये बढ़कर 114 हो गए हैं| पहले दो सदस्यों को मनोनीत किया जाता था, अब पांच सदस्यों को मनोनीत किया जा रहा है| इन दोनों विधायकों का नाम भविष्य में इतिहास में दर्ज किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विस्थापित कश्मीरियों के लिए तीन सीटें आरक्षित की हैं। इसके जरिए तीन विधायक विधानसभा में अपनी आवाज उठाएंगे|ताकि उनकी न्याय की मांग पूरी हो सके|
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